आखिर क्यों यहां खेतों में नमक डाल रहे किसान, पढ़ें पूरी खबर…
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बडग़ांव में मूंगफली की फसल
बडग़ांव. किसानों को फसलों में कीटों से बचाव और उपज बढ़ाने के लिए तरह-तरह की दवाएं और खाद डालते हुए आपने जरूर देखा होगा, लेकिन क्षेत्र के किसान इन दिनों उत्पादन बढ़ाने और फसलों को रोगों से बचाने के लिए नमक का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में फसलों का बचाव होना तो दूर मिट्टी में खारापन दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। खारापन फैलने से जमीन भी बंजर होती जा रही है। किसान हर फसल में ऐसे ही नमक ालते रहे तो एक-दो साल में फसलों का उत्पादन तो प्रभावित होगा ही, साथ ही साथ मिट्टी पर भी इसका विपरीत असर पड़ेगा। गौरतलब है कि क्षेत्र में इन दिनों बड़े स्तर पर मूंगफली की फसल की बुवाई की हुई हैं और खेतों में फसल भी अच्छी लहलहा रही है। सप्ताह भर पहले हुई बारिश के बाद खेतों में खड़ी मूंगफली की फसल में जड़ गलन की बीमारी देखने को मिल रही है। इससे मूंगफली का पौधा जमीन के पास से गल कर काला पडऩे के बाद सूख जाता है। इस बीमारी पर रोकथाम के लिए किसान जागरूकता के अभाव में खेतों में अंधाधुन नमक डालकर नष्ट हो रही फसल का बचाव करने में जुटे हैं, लेकिन नमक डालने से बीमारी रुकने के बजाय उलटे मिट्टी को नुकसान पहुंच रहा हैं।
…तो बंजर हो जाएगी जमीन
कृषि अधिकारियों की मानें तो किसान लगातार खेतों में दो-तीन साल तक नमक डालते रहे तो जमीन खेती करने लायक नहीं बचेगी। किसान नमक की जगह जैविक खाद का फसलों में उपयोग करें तो इससे पैदावार भी बढ़ेगी और लागत भी कम आएगी। साथ ही साथ जमीन भी बंजर नहीं होगी।
इनका कहना…
किसान खेतों में मर्जी से नमक डाल रहे हैं। नमक डालने से जमीन को होने वाले नुकसान के बारे में कृषि विभाग किसान संगोष्ठी में भी जानकारी दे रहा है। फिर भी किसान नमक का प्रयोग बंद नहीं कर रहे हैं। नमक के उपयोग से फसलों को किसी भी तरह से फायदा नहीं होता है। इससे उल्टे मिट्टी में खारापन फैलने से पैदावार कम हो सकती है।
– खियाराम मेघवाल, सहायक कृषि अधिकारी
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