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खेतों से खाली हाथ घर लौटने को मजबूर बंटाईदार

locationजालोरPublished: Jan 14, 2020 04:34:55 pm

Submitted by:

Jitesh kumar Rawal

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खेतों से खाली हाथ घर लौटने को मजबूर बंटाईदार

खेतों से खाली हाथ घर लौटने को मजबूर बंटाईदार

बंटाई पर खेती करने वालों को सर्वाधिक नुकसान, इनको मुआवजा व सहायता राशि भी नसीब नहीं होगी

नजीर खान
मोदरा. क्षेत्र में टिड्डी दल का सप्ताह भर भारी प्रकोप होने से रबी की फसल चौपट हो गई है। इस वर्ष टिड्डी दल का भारी प्रकोप होने से जीरे व इसबगोल की फसल में भारी नुकसान हुआ है। इस सर्वाधिक रूप से बंटाइदार कृषकों को नुकसान हुआ है। हालांकि बीमा के रूप में कुछ सहायता भी मिल जाएगी, लेकिन यह सहायता भी भूमि मालिक किसान के खाते में ही आएगी। बंटाई पर खेती करने वाले किसानों के हाथ खाली ही रहेंगे। बंटाइदार कृषक को कुछ भी मिलने वाला नहीं है। जबकि इस फसल को पैदा करने में सम्पूर्ण कार्य बंटाईदार किसान की ओर से ही किया जाता है। हाल ही में हुए इस नुकसान से बंटाइदार किसान ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इनके हिस्से नुकसान का मुआवजा तक नहीं आने वाला। फसलों में खराबे के बाद बंटाईदार किसानों के पास हाथ मलने के अलावा कोई चारा नहीं है।

शेष बची फसल पर मंडरा रहा है खतरा
क्षेत्र में कई दिनों से टिड्डी दल का पडाव रहा। इस टिड्डी दल ने क्षेत्र में पक रही रबी की फसलों को काफी हद तक नष्ट कर दिया है तथा कुछ क्षेत्र में शेष बची रबी की फसल जीरा, अरण्डी, इसबगोल, सरसो, गेहूं पर आसमान में छाए बादलों से खतरा मंडरा रहा है। बादल छाने से मोयला का प्रकोप बढऩे की आशंका है। जिसको लेकर आज भी किसान चिंतित नजर आ रहे हंै।

अस्थाई आशियाना उठा रहे बंटाईदार
रबी की फसल की रखवाली करने तथा कृषि कार्य करने के लिए कई बंटाइदार किसानों ने जमीदार के बेरे पर अस्थाई रूप से घासफूस से आशियाना बनाए हुए है। सप्ताहभर से टिड्डी दल का प्रकोप होने से पक रही रबी की फसल को काफी हर तक नष्ट करने से किसानों ने अपना अस्थाई आशियाना छोड़कर खाली हाथ अपने परिवार सहित घरों को लौट रहे है।

फंस सकते है साहुकारों के चंंगुल में
रबी की फसल टिड्डी दल नष्ट किए जाने से अब कई किसान अपने परिवार के खर्चे के लिए साहुकारों के चंगुल में फंस सकता है। इधर इस रबी की फसल पर किसान अपने परिवार में सावों की सीजन में घर परिवार का खर्च की आस लगाए हुए था, अब उनके इस अरमानों पर पानी फिर गया है। हर किसान के चेहरे पर उदासी व चिंता नजर आ रही है।
आस लगाए बैठे हैं…
जिन किसानों ने रबी की फसल का बीमा करवाया है उनका क्लेम तो बीमा कम्पनी देगी, मगर जिन किसानों ने फसल का बीमा नहीं करवाया है, वो किसान सरकार पर आस लगाए बैठे हैं।
– विक्रमसिंह राठौड़, पंचायत समिति सदस्य मोदरा-सेरणा
बढ़ रही हैं चिंता…
रबी की फसल नष्ट होने से भारी मात्रा में नुकसान हुआ है। इस नष्ट हुई फसल पर सरकार को कुछ किसान के हित में कदम उठाने चाहिए। दूसरी ओर आसमान में दो तीन दिन से बादल छाए हुए है, जिसको लेकर किसान चिंतित है।
– महेन्द्रसिंह राठौड़, सरपंच, धाणसा
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