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आंखों के सामने लाडली को निगल गई आग की लपटें, मां चीखती-चिल्लाती रही, पर बचा ना सकी

locationजालोरPublished: Nov 24, 2018 11:16:41 am

15 बकरियां व कमाई का जरिया ऑटो रिक्शा भी जलकर स्वाह

Fire in hut, a child baby death in Dhamana Sanchore

आंखों के सामने लाडली को निगल गई आग की लपटें, मां चीखती-चिल्लाती रही, पर बचा ना सकी

सांचौर. धमाणा गांव में शुक्रवार को एक रहवासी झोपड़े में अचानक आग लगने से डेढ़ वर्ष की मासूम जिंदा जल गई। वहीं गरीब परिवार का रहवासी आशियाना भी जलकर राख हो गया। हादसे के दौरान इस मासूम की मां भी झोपड़े में ही थी, लेकिन आग इतनी भयावह थी कि वह अपनी लाडली को बचा न सकी। वह रोती-बिलखती रही, लेकिन मदद उस तक पहुंचने से पहले ही लाडली दुनिया से रुखसत हो गई। हादसे के बाद गांव में शोक की लहर छा गई। आग के कारणों की फिलहाल पुष्टि नहीं हो पाई है। इधर, वारदात की सूचना पर सांचौर पुलिस ने मौका स्थल पर पहुंचकर जानकारी जुटाई। हादसे में पीडि़त के मजदूरी का जरिया ऑटो रिक्शा भी जलकर स्वाह हो गया। इस रहवासी झोपड़े में लगी आग इतनी भयानक थी कि घर से बाहर निकलने का किसी को मौका तक नहीं मिला। ऐसे में घर में रखा खाने-पीने का सामान, गहने, अनाज व बिस्तर सहित घरेलू सामान जल कर स्वाह हो गया। इनमें से अधिकांश बकरियां गर्भवती थी। हादसे में पीडि़त परिवार की एक महिला भी घायल हो गई। जिससे सांचौर के चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया। जहां उसकी स्थिति सामान्य बताई जा रही है। सूचना पर आग बुझाने के लिए दमकल तो पहुंची, लेकिन तब तक सब कुछ जल चुका था।
इंसानियत हुई शर्मसार
धमाणा में शुक्रवार को हुई इस घटना के बाद एक तरफ इंसानियत रो रही थी, वहीं दूसरी ओर हादसे के बाद मौका स्थल पर प्रशासनिक लवाजमा तो पहुंच गया, लेकिन चिकित्सा विभाग की टीम ने पहुंचने में देरी कर दी। इस दौरान डीएसपी से सांचौर पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामाभाई पटेल ने मौका स्थल पर आने के लिए वाहन का इंतजाम करने की बात कह डाली। उन्होंने कहा कि वाहन के इंतजाम के अभाव में घटना स्थल पर आना सम्भव नहीं है। जिस पर डीएसपी ने हादसे की गंभीरता का हवाला देते हुए उन्हें तुरन्त घटना स्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए। इसके बावजूद पशु चिकित्सक वाहन के इंतजाम की बात करता रहा। जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने लताड़ भी लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
7 बेटियां व 1 बेटा, सबसे छोटी थी संगीता
हादसे के दौरान घर में सो रही डेढ़ वर्षीय संगीता पुत्री मंजीराम भाट जिंदा जल गई। मृतका का पिता घरेलू काम से बाहर गया हुआ था। वहीं मां घर में लगी अचानक आग देखकर हड़बड़ा गई। ऐसे में वह अपनी लाडली को भी नहीं बचा सकी। हादसे के शिकार मंजीराम के 7 बेटियां और एक बेटा है। शेष बेटियों व बच्चे को तो बचा लिया गया, लेकिन आग की विकरालता ने डेढ़ वर्षीय मासूम को निगल लिया।
आग में कूद बचाई आठ जिंदगियां
मंजीराम के घर में शुक्रवार दोपहर लगी आग चारों तरफ फैल गई। इस दौरान पशुओं के खाने के लिए रखे चारे ने भी आग में घी का काम किया। आग की लपटों से मंजीराम का पूरा परिवार घिर गया। ऐसे में आग में घिरी में आठ जिंदगियों को बचाने की किसी की हिम्मत तक नहीं हुई। इस दौरान जान जोखिम में डाल पड़ोस में रहने वाले ५० वर्षीय बाबूलाल भाट ने आग उगलती लपटों के बीच कूद इन आठ जिंदगियों को बचा लिया।
मजदूरी का साधन भी गया
मंजीराम के परिवार में सात पुत्रियों में एक की शुक्रवार को हुए इस हादसे में मौत हो गई। वहीं लड़का पांच साल का है। कमाने की जिम्मेदारी मंजीराम के कंधों पर है, लेकिन आय का जरिया ऑटो रिक्शा भी इस आग में जलकर स्वाह हो गया।
इनका कहना…
धमाणा में आग लगने से हुए हादसे की सूचना पर घटना स्थल पर गया था। पीडि़त परिवार से जानकारी ली है। आग में जली मासूम का पीएम करवाने के बाद मर्ग दर्ज कर जंाच शुरू की है।वहीं शव परिजनों को सुपुर्द किया।
– ओपी उज्ज्वल, डीएसपी, सांचौर
आग से हुए हादसे की सूचना मिलने के बाद घटना स्थल पर पहुंच कर नुकसान का जाजया लिया है। हादसे में डेढ़ वर्षीय मासूम भी जिंदा जली है। वहीं १५ बकरियां भी आग की भेंट चढ़ गई। मौका रिपोर्ट बना दी गई है।
– पीताम्बरदास राठी, तहसीलदार, सांचौर
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