भीनमाल में यहां बाढ़ के निशां आज भी मौजूद
मानसून की दस्तक के साथ ही कई गांव-ढाणियों के बाशिन्दों की चिंताएं सता रही है। वर्ष-2017 में आई बाढ़ के दौरान बही सड़कें अभी भी बदहाल है।

भीनमाल. मानसून की दस्तक के साथ ही कई गांव-ढाणियों के बाशिन्दों की चिंताएं सता रही है। वर्ष-2017 में आई बाढ़ के दौरान बही सड़कें अभी भी बदहाल है। ऐसे में दर्जनों गांव-ढाणियों के बाशिंदों का सड़क मार्ग से सम्पर्क कट जाता है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी इन सड़क पर दो साल में एक पत्थर भी नहीं लगा है। ऐसे में बारिश के दिनों में इन सड़कों पर आवागमन पूरी तरह सेे बंद हो जाता है। इतना ही नहीं विद्यार्थियों का आवागमन भी बंद हो जाता है। क्षेत्र में करीब दो पूर्व बाढ़ के तबाही के मंजर अभी भी मौजूद है। बाढ़ के बाद खेत-खलिहानों में तो नुकसान हुआ ही था, इसके अलावा सार्र्वजनिक निर्माण विभाग की बनी सड़कें भी टूट कर बह गई थी। सड़कें पूरी तरह गडढोंमें तब्दील हो चुकी है। सड़कों पर 10-12 फीट तक के गहरे गडढे बने हुए है। वाड़ा भाड़वी से फागोतरा डामर सड़क पर 5 किलोमीटर सफर तय करने में एक घंटे तक का समय लगता है। बाढ़ के पानी का बहाव होने से करीब 300 मीटर सड़क पूरी तरह से बदहाल बनी हुई है। पिछले दो साल से यहां पर कच्चे वैकल्पिक मार्ग सेे ग्रामीण गुजरते है, लेकिन बारिश में वह भी बंद हो जाता है। ग्रामीणों नेे भी कई बार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत करवाया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। शहर के सुरता की ढाणी सड़क समेत विभिन्न जगह कमोबेशयही स्थिति है।
गुजार दी गारंटी अवधि, ठेकेदार की चांदी
क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी सड़कें गारंटी अवधि में थी, लेकिन मरम्मत नहीं होने से यह अवधि गुजर गई।अब ठेकेदार की चांदी है।उधर, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी इस मरम्मत व गारंटी से उदासीन नजर आ रहे हैं। एक्सइएन का कहना है कि मरम्मत करने के निर्देश देते हुए ठेकेदारों को नोटिस दिए थे, लेकिन मौके पर मरम्मत नहीं हो पाई। ऐसे में अधिकारियों और ठेकेदारों की कार्य प्रणाली भी खुलकर सामने आ रही है।
कायम में दो साल पूर्व बाढ़ के निशान
ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों पर दो साल पूर्व आई बाढ़ के निशान कायम है। जहां सड़क बनी हुई थी, वहां पर सड़क बह जाने के साथ 10-12 फीट के गडढे पड़े हुए है। इन गडढों में बारिश के दिनों में पानी जमा हो जाता है। ऐसे में इस मार्ग पर वाहनों का संचालन भी बंद हो जाता है। सड़क के बीचों-बीच 12 फीट तक के गडढेपड़े हुए है। डामर का नामोनिशान तक नहीं बचा है। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के दिनों में गडढों में पानी जमा होने से नौनिहालों के साथ हादसेे की आशंका रहती है।
परेशानी उठा रहे हैं...
& विरार सेे वाड़ाभाड़वी सड़क 2017 में बाढ़ के दौरान पूरी तरह से बिखर गई थी। इसके बाद यहां पर सड़क की मरम्मत नहीं हुई है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत यह सड़क उस समय गारंटी अवधि में थी। बारिश के दिनों में इस मार्ग पर आवागमन बंद हो जाता है। ग्रामीणों को आवाजाही में खासी परेशानी उठानी पड़ रही है।
संतोष खिलेरी, ग्रामीण
मरम्मत करवाएंगे...
& प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क के क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए ठेकेदार को नोटिस दे रखे हंै। ठेकेदार की ओर से मरम्मत नहीं करवाने पर गारंटी राशि काटकर मरम्मत करवाएंगे।
राजूराम, अधिशाषी अभियंता, पीडब्ल्यूडी, भीनमाल
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