scriptसर्वे का सच : दुकानदार घालमेल के चक्कर में टांग रहे 100 फीस वाला फूड लाइसेंस | food licence | Patrika News

सर्वे का सच : दुकानदार घालमेल के चक्कर में टांग रहे 100 फीस वाला फूड लाइसेंस

locationजालोरPublished: Nov 15, 2017 11:40:09 am

Submitted by:

Jitesh kumar Rawal

जिले में 2000 रुपए फीस वाले 198 व 100 रुपए फीस वाले 850 लाइसेंस ही बन पाए हैं। (आंकड़े जनवरी से अक्टूबर, 2017 तक)

food licence

food licence

जालोर. आप जानते है अधिकतर विक्रेता बिना लाइसेंस ही खाद्य पदार्थ बेच रहे हैं।स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराए जा रहे एक सर्वे में यह सामने आया है। जिसमें अधिकतर दुकानदारों के पास इस तरह का कोई लाइसेंस नहीं है, जिसके बूते खाद्य पदार्थ बेच सके। प्रारंभिक चरण में चल रहे सर्वे के तहत सामने आया है कि खाद्य पदार्थ बेचने वाले अधिकतर विक्रेताओं के पास लाइसेंस नहीं है। यहभारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम (एफएसएसएआई) की भी पूरी अवहेलना है। अधिनियम की पालना को लेकर महकमे को मुस्तैद होना पड़ेगा।बताया जा रहा है कि जल्द ही बिना लाइसेंस खाद्य पदार्थ बेच रहे विक्रेताओं पर कार्रवाईकी जाएगी।स्वास्थ्य विभाग इसके लिए ठोस कदम उठाने की तैयारी में है। लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे खाद्य पदार्थ विक्रेताओं को कार्रवाई के तहत भारी-भरकम जुर्माना या जेल तक भुगतनी पड़ सकती है।
दिखाने के लिए…. दुकान पर टंगा रहता है लाइसेंस
नियमानुसार जितना टर्न ओवर होता हैउस लिहाज से लाइसेंस भी बनवाना होता है, लेकिन अधिकतर लोग 12 लाख से कम टर्नओवर का ही लाइसेंस बनवा रहे हैं। लाइसेंस टंगा भी रहता है, लेकिन 12 लाख से ज्यादा टर्न ओवर वाले विक्रेताओं के लिए यह किसी काम का नहीं।हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिलावट के खिलाफ अभियान चलाया गया था। इसदौरान कई जगह लाइसेंस मिला जरूर, लेकिन दिखावे तौर पर।
दवा विक्रेता भी दायरे में
दवाइयों के साथ प्रोटीन पाउडर, दूध पाउडर व ऐसे ही खाद्य पदार्थ बेचने वाले दवा विक्रेता भी इस दायरे में है।विक्रेताओं को इस तरह का लाइसेंस भी लेना होगा, ताकि आसानी से खाद्य पदार्थों की खरीद-फरोख्त कर सके।
बोर्डिंग व कैंटिन में भी चाहिए
खाद्य पदार्थ बेचने वाली हर संस्था में लाइसेंस आवश्यक है, लेकिन अधिकतर लाइसेंस लेने में रुचि तक नहीं लेते।इसमें कैटर्स, स्कूल-कॉलेज कैंटिन, सब्जी-फल विक्रेता, क्लब, बोर्डिंग या छात्रावास, मेडिकल स्टोर्स आदि शामिल है।
नियम व प्रावधान
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम (एफएसएसएआई) की अवहेलना पर सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है। इसके तहत छह माह की सजा व 5 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
टर्नओवर व लाइसेंस फीस
निर्माता के लिए प्रतिदिन एक मीट्रिक टन या 10 से 15 हजार लीटर उत्पादन के लिए 5000 वार्षिक फीस
प्रतिदिन एक मीट्रिक टन या 501 से 10 हजार लीटर उत्पादन तक 3000 रुपए वार्षिक फीस
12 लाख रुपए से ज्यादा टर्न ओवर करने वाले विक्रेताओं के लिए 2000 रुपए वार्षिक फीस
साथ ही 12 लाख से कम टर्न ओवर पर 100 रुपए फीस का लाइसेंस बनाना आवश्यक है।
बनते है ऑनलाइन…
खाद्य पदार्थों का लाइसेंस ऑनलाइन भी बनाया जा सकता है।इसके लिए कार्यालयों के चक्कर काटने की भी जरूरत नहीं है। आवेदन की ऑनलाइन पूर्ति करने के बाद कॉपी कार्यालय में जमा करवा कर लाइसेंस लिया जा सकता है।
सख्त कार्रवाई करेंगे…
यह सच है कि अधिकतर लोगों ने खाद्य पदार्थ बेचने का लाइसेंस नहीं ले रखा।कई लोग धंधे में ज्यादा टर्न ओवर करते है, लेकिन लाइसेंस केवल 100 रुपए फीस का ही ले रखा है यह गलत है।इस तरह के मामलों पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
-गजेंद्रकुमार सिंघल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, जालोर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो