scriptजालोर नगरपरिषद में अब पट्टों के बाद एनओसी में भी फर्जीवाड़ा हो रहा उजागर | Fraud Noc in Jalore Nagar parishad | Patrika News

जालोर नगरपरिषद में अब पट्टों के बाद एनओसी में भी फर्जीवाड़ा हो रहा उजागर

locationजालोरPublished: Jul 22, 2019 10:35:33 am

www.patrika.com/rajasthan-news

Fraud NOC

Noc isshued by Nagar parishad Jalroe

धर्मेन्द्र रामावत. जालोर. नगरपरिषद की ओर से बीते साल अक्टूबर महीने में जारी की गई एक ही क्रमांक की दो एनओसी को लेकर सभापति भंवरलाल माली ने फर्जीवाड़े के आरोप लगाए थे, लेकिन इस बारे में तत्कालीन आयुक्त शिकेश कांकरिया का कहना था कि नगरपरिषद में सभी काम नियमानुसार हो रहे हैं और जल्दबाजी में लिपिकीय त्रुटि की वजह से ऐसा हुआ होगा, जिसे सुधार लिया जाएगा। जबकि हकीकत में इनमें से एक एनओसी को लेकर फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। इस बारे में खुद नगरपरिषद उपसभापति मंजू सोलंकी का कहना है कि उन्होंने नगरपरिषद से एक ही क्रमांक की दो एनओसी जारी होने की जानकारी मिलने के बाद आरटीआई के तहत निकाय के एनओसी अनुभाग से 31 अक्टूबर 2010 को जारी एनओसी क्रमांक 5533 की प्रमाणित प्रति मांगी थी, लेकिन यह उन्हें यह प्रति आज तक नहीं मिली। मौजूदा आयुक्त महिपालसिंह ने गत 12 जुलाई को ही जवाब में यह लिखकर दिया है कि संबंधित एनओसी अनुभाग प्रभारी ने अपने चार्ज में इस नंबर की एनओसी से संबंधित पत्रावली उपलब्ध नहीं होना अंकित किया है। जिसके कारण वे यह सूचना उपलब्ध नहीं करा सकते।
इन दो बातों से उजागर हो रहा फर्जीवाड़ा…
एक ही क्रमांक की दो एनओसी जारी करने के मामले में पत्रिका को कुछ ऐसे सुराग हाथ लगे हैं। जिनसे इस पूरे मामले में फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। जिस पंजिका में एक ही नंबर की इन दोनों एनओसी का इंद्राज किया गया है, उसके ऐसे दो फोटो पत्रिका के हाथ लगे हैं। जिन्हें गौर से देखा जाए तो फर्जीवाड़े से इनकार नहीं किया जा सकता।
पहले फोटो में यह-
पत्रिका को मिला पहला फोटो उस पंजिका का है, जिसमें एनओसी जारी होने से पहले उसके क्रमांक लिखे जाते हैं। इस पंजिका के एक पृष्ठ के आखिरी में ३१ अक्टूबर २०१८ को मोकलसर निवासी मनसुख सिंह राजपूत को बैंक लोन को लेकर ५५३३ क्रमांक की एनओसी जारी करना बताया गया है और इसके बाद की दो लाइनें बिल्कुल खाली हैं। इसके अगले पेज पर एक लाइन खाली छोड़ कर ५५३४ और इससे आगे के क्रमांक है, लेकिन बीच वाली जगह बिल्कुल खाली है।
दूसरे फोटो में यह-
इसी तरह पंजिका के दूसरे फोटो में पहले पेज की अंतिम खाली जगह पर लाइनिंग कर अगले पेज की पहली लाइन पर 31 अक्टूबर 2018 को ही 5533 क्रमांक की एक और एनओसी इकरारनामे के आधार पर खरीदी गई जमीन के बेचान को लेकर जालोर निवासी शिवपालसिंह को इकरारनामे के जरिए रेलवे स्टेशन रोड स्थित खरीदे गए 2500 वर्गफीट के भूखण्ड के बेचान के लिए जारी करना बताया गया है। जबकि यह लाइन पहले फोटो में खाली है।
सूचना ना देना भी पैदा कर रहा संदेह
इस पूरे मामले में एक और बात यह भी है कि उपसभापति सोलंकी ने सूचना के अधिकार के तहत काफी समय पहले इसी एनओसी संख्या ५५३३ की प्रमाणित प्रति मांगी थी, लेकिन अंत तक उन्हें यह नहीं दी गई और संबंधित शाखा के प्रभारी ने भी यह पत्रावली उनके चार्ज में नहीं होना बताया। यानी इससे साफ तौर पर जाहिर हो रहा है दोनों में से किसी एक एनओसी में फर्जीवाड़ा किया गया है।
सभापति को भी मिली थी शिकायत
सभापति माली का भी इस बारे में कहना था कि उन्हें इस बारे में आमजन से शिकायत मिली थी और नगरपरिषद की ओर से जारी इन दो एनओसी की फोटो प्रति भी प्राप्त हुई थी। इन दोनों एनओसी के क्रमांक एक ही हैं और ये एनओसी एक ही तारीख को जारी करना बताया गया था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो