विभाग से नहीं मिली राहत, न्यायालय ने दी राहत
इस पूरे मामले में विभाग की ओर से गंगा को लगातार गोलमाल जवाब ही मिले। जबकि इस तरह के मामले में सुप्रीम कोर्ट के वर्ष २०१४ में आए एक फैसले के बाद सरकारी भर्ती परीक्षाओं में आवेदन में तीसरा संवर्ग ट्रांसजेंडर को भी शामिल किया गया था। वहीं ट्रांसजेंडर्स के हितों की रक्षा को लेकर राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर ट्रांसजेंडर परिषद का भी गठन भी हुआ। प्रदेश में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री की अध्यक्षता में परिषद का गठन किया हुआ है।
वर्ष 2013 में कांस्टेबल भर्ती जारी की गई थी। जिसमें महिला व पुरुष संवर्ग में आवेदन का विकल्प था। इसके तहत जिले के रानीवाड़ा क्षेत्र के जाखड़ी निवासी गंगा कुमारी ने गृह जिला जालोर से महिला संवर्ग से आवेदन किया। इसके बाद जून-2013 में लिखित परीक्षा दी और वर्ष 2014 में घोषित किए गए नतीजों में गंगा कुमारी को उत्तीर्ण घोषित किया गया। इसके बाद शारीरिक दक्षता और चिकित्सकीय परीक्षण में सफल घोषित कर गंगा को 148 रैंक पर चयन किया गया।
पत्रिका ने उठाया मामला
गंगा को नियुक्ति नहीं मिलने पर पत्रिका ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया। पत्रिका ने 25 सितंबर को भी ‘गंगा को अब तक पुलिस महकमे में नौकरी का इंतजार’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था, जिसमें उच्चाअधिकारियों को भी इस स्थिति से अवगत करवाया गया था।
इनका कहना
गंगा की पोस्टिंग के लिए काफी समय से मामला विचाराधीन चल रहा था। सोमवार को फैसला फेवर में हुआ है। गंगा को 6 सप्ताह में पोस्टिंग के लिए आदेश हुए हैं।
ऋतुराजसिंह, अधिवक्ता हाईकोर्ट जोधपुर वर्ष 2013 की भर्ती में मैंने आवेदन किया था, जिसके बाद से मुझे नियुक्ति नहीं मिल रही थी। मुझे न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास था। आखिर सत्य की जीत हुई है।
– गंगा, अभ्यर्थी