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अंतिम दिन 101 गोसैनिकों को कामधेनु सेना की दिलाई सदस्यता

locationजालोरPublished: Oct 28, 2018 11:55:58 am

गोभागवत कथा के अंतिम दिन स्वामी कुशालगिरी ने बताए विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय नागौर के उद्देश्य

Go Bhagwat katha

Go Bhagwat katha in Chitalwana

चितलवाना. इतिहास बनता नहीं, बनाना पड़ता है। यह बात मध्यवेश्वर महादेव गोशाला में चल रही गोहितार्थ गोभागवत कथा के अंतिम दिन नागौर से पहुंचे स्वामी कुशालगिरी ने शनिवार को गोभक्तों से कही। स्वामी ने नशामुक्ति, दान की महिमा, अनुशासन, गोमाता की महिमा व ईश्वर प्राप्ति के मार्ग पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि महापुरुष बनने के लिए पहले गाय की सेवा करनी होगी। उन्होंने दक्षिणा में भेंट की गई राशि तुरन्त ही गोहितार्थ झोली में वापस डाल दी और कहा वे यहां देने की भावना से आए हैं, लेने की नहीं।
कथा वाचिका ने भरा 4 लाख का मायरा
कथा के दौरान कथा वाचिका देवी ममता ने गोशाला में पलने वाली गायों के लिए शनिवार को चार लाख का मायरा भरा। उन्होंने श्रीमध्येश्वर महादेव गोशाला के पदाधिकारी संत भीमाराम महाराज को गायों के लिए चार लाख की सहायता राशि भेंट मायरा किया। स्वामी ने कहा कि कथा पैसों के लिए नहीं अपितु सेवा, सहयोग और आध्यात्मिक उन्नति के लिए की जाती है। इसके अलावा कथा के दौरान गोहितार्थ सहयोग करने वाले सभी दानदाताओं को मंच पर आमंत्रित कर स्वामी कुशालगिरी महराज व देवी ममता ने रुद्राक्ष माला पहनाकर और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
संतों को हुआ आगमन
कथा में गुजरात के संत नागरवन आश्रम करवन सहित कई साधु-संतों का सान्निध्य रहा। कथा के अंतिम दिन पहुंचे सांचौर विधायक सुखराम बिश्नोई ने भी गोभक्तों को गायों के बारे में जानकारी दी गई।
स्वामी ने बताए उद्देश्य
स्वामी ने बताया कि विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय नागौर में लावारिस व पीड़ाग्रस्त गोवंश के लिए 21 एम्बुलेंस, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात व राजस्थान सहित छह राज्यों के घायल व बीमार गोवंश का निशुल्क इलाज करना, देश की 800 गोशालाओं से बीमार गोवंश का निशुल्क इलाज, देश व गोमाता को 5 हजार पशु कम्पाउंडरों को प्रशिक्षण देकर समर्पित करना और गो हितार्थ कथा में गोशाला को सहयोग देना उनका मूल उद्देश्य है।
2 लाख गोसैनिक करेंगे तैयार
कथा के दौरान कामधेनु सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रवणराम बिश्नोई व जिलाध्यक्ष रमेश गोदारा ने 101 गोसैनिकों को कामधेनु सेना की सदस्यता (परिचय-पत्र) व पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। उन्होंने बताया कि देश में करीब दो लाख गोसैनिक तैयार किए जाएंगे। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने सभी गोसैनिकों को कथा पाण्डाल में गोसेवार्थ, गोरक्षार्थ, वन्य जीव हितार्थ, जनहित, धार्मिक व राष्ट्रहितार्थ कार्यों में तन-मन-धन से कार्य करने की शपथ दिलाई।

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