जालोर. राज्य सरकार की ओर से शिक्षा का निजीकरण करने के प्रयास में प्रदेश के तीन सौ सरकारी विद्यालयों का निजीकरण करने की तैयारी कर ली हैं। इसके लिए प्रदेश के तीन सौ माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों का चयन कर सुझाव मांगे हैं। जिसमें से जालोर जिले के ग्रामीण क्षेत्र के १२ व शहरी क्षेत्र के दो माध्यमिक सरकारी विद्यालयों को पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पर देने के लिए चयन किया हैं। इसके लिए सरकार की ओर से खाका तैयार किया गया है। जालोर जिले के १४ सरकारी विद्यालयों की कमान अब निजी हाथों में जा सकती हैं। हालांकि राज्य में विभिन्न शिक्षक संगठनों की ओर से इसका विरोध किया जा रहा हैं।
ये विद्यालय जा सकते है पीपीपी मोड परजिले में ग्रामीण क्षेत्र के रामावि हनुमानशाला आहोर, रामावि नीलकंठ, रामावि मूलेवा, रामावि जूना रठूजा, आदर्श रामावि हापू की ढाणी, रामावि रामपुरा, रामावि चुरा, रामावि खानपुर, रामावि पावटी, रामावि जालेरा कला, रामावि कांटोल, रामावि दूदवा का नाम पीपीपी मोड के लिए तय किया गया है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में आदर्श राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय धोरा ढाल भीनमाल व तखतसिंह जमनाराम गहलोत राजकीय माध्यमिक विद्यालय रेबारियों का गोलिया संाचौर पीपीपी मोड पर जा सकते है।
मत्रीमंडल ने ये लिया था निर्णयमंत्रीमण्डल की बैठक में राज्य के 300 सरकारी स्कूलों को पीपीपी मॉडल पर संचालित करने का निर्णय लिया था। स्कूल शिक्षा विभाग की सार्वजनिक निजी सहभागिता पीपीपी नीति 2017 के तहत प्रथम चरण में राज्य के कुल 98 95 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में से 300 स्कूलों को पीपीपी मोड पर संचालित किया जाएगा। राज्य के आदर्श विद्यालय तथा संभागीय एवं जिला मुख्यालयों के विद्यालय इस नीति से बाहर रहेंगे। इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं को वर्तमान में उपलब्ध अनुदान, छात्रवृत्ति और मिड-डे-मील आदि सभी सुविधाओं का लाभ मिलता रहेगा।
लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरलप्रदेश की तीन सौ सरकारी विद्यालयों को पीपीपी मॉडल पर देने की लिस्ट सोशल मीडिया पर चल रही हैं। वाट्सएप व अन्य सोशल साइड पर चल रही ये लिस्ट शिक्षकों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। हालांकि तीन सौ सरकारी विद्यालयों को पीपीपी मॉडल पर देने के लिए सरकार ने फिलहाल खाका तैयार कर सुझाव मांगे हैं। ऐसे में सुझाव आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मांगे सुझावसरकारी विद्यालयों को पीपीपी मोड पर देने के लिए फिलहाल सुझाव मांगे गए है। सुझाव आने के बाद इस पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
-नथमल डिडेल, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा,
बीकानेर