ग्रेनाइट उद्योग को कोरोना संक्रमण से 100 करोड़ से अधिक का नुकसान
जालोरPublished: Mar 20, 2020 10:06:41 am
चाइना को भेजा जाने वाला रॉ-मेटेरियल पूरी तरह से बंद, 100 करोड़ के लगभग इंडस्ट्री को नुकसान
चाइना को भेजा जाने वाला रॉ-मेटेरियल पूरी तरह से बंद, 100 करोड़ के लगभग इंडस्ट्री को नुकसान
जालोर. जानलेवा महामारी कोरोना ने जहां विश्व को भयाक्रांत किया है। वहीं दूसरी तरफ इससे जालोर का ्रग्रेनाइट उद्योग भी पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है। जालोर से तैयार होने वाले कुल ग्रेनाइट में से 20 प्रतिशत रो-मेटेरियल (ग्रेनाइट ब्लॉक) चाइन निर्यात होते थे, लेकिन अब हालात यह है कि मार्क किया गया माल गोदामों में ही पड़ा है। उद्यमियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण ने उद्योग की कमर तोड़ दी है और निर्यात पूरी तरह से बंद है। सीधे तौर पर एक माह में नुकसान 100 करोड़ के पार पहुंच चुका है और आगे यह नुकसान और भी बढऩे की संभावना है। इन हालातों के बीच उद्यमी अपना रो-मेटेरियल स्थानीय बड़ी मंडियों पर ही खपाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक वे सफल नहीं हो पाए हैं।
नहीं मिल रहे पार्ट्स
उद्यमी लालसिंह धानपुर का कहना है कि एक तरफ रो-मेटेरियल चाइना समेत अन्य मंडियों तक नहीं पहुंचने से उद्योग धंधा चौपट हो रहा है। दूसरी तरफ ग्रेनाइट में कटर और प्लेट्स नहीं मिल रहे है। इनके दाम भी 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। ये पाटर््स चाइना से ही आयात होते थे और अब इनमें कमी आने से अगले कुछ दिनों में पार्ट्स के अभाव में इकाइयां बंद होने के कगार पर होंगी। क्योंकि हर गे्रेनाइट यूनिट में लगभग 2 कटिंग मशीनें लगी हुई है और उद्यमियों का कहना है कि लगभग पत्थर की कटिंग और पॉलिस के लिए हर बार 15 से 20 दिन में इस मेटेरियल की जरुरत पड़ती है। ग्रेनाइट उद्यमी नंदकिशोर मंत्री का कहना है अब करीब एक माह से इंडस्ट्रीज से जुड़े वे पार्ट्स जो चीन से आते हैं, वे बंद होने के साथ अब कमी आने लगी है और अब इसी तरह से कोरोनो का कहर जारी रहा तो इन पार्ट्स के दाम बढ़तें जाएंगे और पाटर््स की आवक नहीं हुई तो उद्योग पर बड़ा असर पड़ेगा और इससे सीधे तौर पर मशीनें बंद होने के कगार पर आ जाएंगी।