बुधवार को अस्पताल में चिकित्सकों के नहीं होने से मरीजों को मजबूरन घंटों तक इंतजार करना पड़ा। वहीं गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ी। वहीं दूसरी ओर बीसीएमओ भी अस्पताल की व्यवस्था सुधारने व चिकित्सकों को पाबंद करने को लेकर लाचारी जता रहे हैं।
प्रशासनिक हस्तक्षेप के बावजूद नहीं हुआ सुधार
शहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी को लेकर चिकित्साकर्मियों में अकसर तकरार होती रहती है। वहीं कभी-कभार तो ड्यूटी को लेकर मरीजों के सामने ही चिकित्साकर्मी आपस में भिड़ जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में प्रशासनिक हस्तपक्षेप के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाया है। खुद बीसीएमओ भी व्यवस्था सुधार को लेकर कई बार निरीक्षण के बहाने चिकित्सकों से समझाइश कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया है।
बीसीएमओ बोले बिना अनुमति लेते हैं छुट्टी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दुर्दशा का यह हाल देखते ही बनता है कि चार ड्यूटीरत चिकित्सकों में से तीन चिकित्सक एक साथ छुट्टी पर हैं। वहीं चौथा ड्यूटी पर तो है, लेकिन उसके पास भी बीसीएमओ का अतिरिक्त प्रभार होने से मरीजों को देख नहीं पा रहा है। इस बारे में बीसीएमओ बिना इजाजत के ही चिकित्सकों के छुट्टी पर चले जाने का आरोप लगा रहे हैं।
कोई धणी धोरी नहीं
आपातकाल मेंं शहर के इस सरकारी अस्पताल में मरीजों की जान भगवान भरोसे है। स्नेक बाइट का मामला हो या गंभीर प्रसव केस। यहां ना तो दिन के समय डॉक्टर मिल पाते हैं और ना ही रात के समय।
पोस्मार्टम के लिए भी इंतजार
क्षेत्र में होने वाले हादसे व अन्य परिस्थतियों में मौत के बाद पोस्टमार्टम के लिए लाए जाने वाले शव मोर्चरी में इसलिए घंटों तक पड़े रहते हैं कि अस्पातल में चिकित्सक मिलते ही नहीं। ऐसे में मृतक के साथ आने वाले परिजन भी परेशान होते हैं। वहीं कई बार ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक पोस्टमार्टम से इनकार कर देते हैं। जिससे बाहर से चिकित्सकों को बुलाना पड़ता है।
इनका कहना है…
अस्पताल में अव्यवस्थाओं को लेकरउच्चाधिकारियों को अवगत करवा रखा है। कार्यरत चिकित्सक बिना इजाजत छुट्टी लेकर चले जाते हैं। समस्या के स्थाई समाधान को लेकर विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। फिल्हाल ओपीडी के साथ बीसीएमओ का कार्य मैं संभाल रहा हूं।
-डॉ. वासुदेव जोशी, बीसीएमओ सांचौर