सिर्फ एक अवैध बायोडीजल पम्प सील कर पूरी की खानापूर्ति
जालोरPublished: Oct 13, 2019 10:38:21 am
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चितलवाना. जिले में मिलावटी डीजल की रोकथाम के लिए दो दिन पूर्व कलक्टर की ओर से जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदारों को अवैध बायोफ्यूल पम्प स्टेशन सील कर पालना रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन रसद विभाग की ओर से शुक्रवार को की गई कार्रवाई महज औपचारिक नजर आई। अधिकारियों की टीम ने सिवाड़ा सरहद में एक ढाबे के पास अवैध बायोफ्यूल पम्प सील किया, लेकिन अन्य जगहों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि क्षेत्र में ऐसा एक ही नहीं, बल्कि और भी कई जगहों पर अवैध बायोफ्यूल पम्प संचालित हो रहे हैं। प्रदेश भर में ऐसे फ्यूल पंप के संचालन पर रोक लगाने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। गांवों में बिना लाइसेंस के चल रहे बायोडीजल पम्प सस्ते के नाम पर मिलावटी डीजल धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस पर कोई ठोस कार्रवाई करने के बजाय खानापूर्ति करने में लगे हुए हैं।
जनसुनवाई में दिए थे निर्देश
कलक्टर महेंद्र सोनी ने गुरुवार को कलक्ट्रेट में हुई जनसुनवाई के दौरान जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों एवं तहसीलदारों को निर्देश दिए थे कि जिले में कुछ स्थानों पर बायोफ्यूल के अवैध डीजल पम्प चलने की जानकारी मिली है। ऐसे में सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण कर चल रहे अवैध डीजल पम्पों को सील कर इसकी रिपोर्ट तत्काल भिजवाएं, लेकिन निर्देश के दो दिन बाद भी महज एक पंप को सील कर औपचारिकता बरती जा रही है।
तीन दिन में एक कार्रवाई
जिलेभर से मिलावटी व बिना लाइसेंस के चल रहे बायोडीजल पम्प की शिकायत के बाद कलक्टर के निर्देश पर जिला रसद अधिकारी ने शुक्रवार को एनएच ६८ पर सिवाड़ा सरहद में एक ढाबे के पास बायोडीजल पम्प सील किया था। जबकि इस क्षेत्र में और भी पंप संचालित हो रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई की भनक लगते ही गांवों में चल रहे अवैध पम्प मालिक पम्प बंद कर भूमिगत हो गए।
पम्प के लिए ये अनिवार्यता
किसी एक सरकारी पेट्रोल पम्प के समान ही राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग प्राधिकरण, विस्फोटक सुरक्षा लाइसेंस, भार व माप तोल विभाग, खाद्य व रसद विभाग, व्यवसायिक भू-परिवर्तन विभाग, जीएसटी पंजीयन, अग्निशमन विभाग, पर्यायवरण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य बायोफ्यूल बोर्ड, दुकान एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठान पंजीयन के अनापत्ति प्रमाण मिलने के बाद कलक्टर की ओर से समस्त मापदण्ड पूरे होने पर ही इसकी अनुमति दी जाती है। मगर क्षेत्र में चल रहे कई बायोफ्यूल पम्प संचालकों ने एक भी मापदण्ड पूरा नहीं किया है। इसके बावजूद बायोडीजल की धड़ल्ले से बिक्री की जा रही है।
टैक्स चोरी के साथ मिलावट भी
गांवों व हाइवे पर संचालित इन अवैध पम्प पर अन्य राज्यों से टैक्स की चोरी कर बायोडीजल खरीदा जाता है। वहीं इसमें अन्य केमिकल मिलाकर सस्ती दर पर बेचा जा रहा है। जिससे राजकोष को तो चूना लगाया ही जा रहा है, साथ ही लोगों के वाहनों का मेंटीनेंस भी बढऩे से उन्हें नुकसान हो रहा है।
एक कार्रवाई से लोगों में असंतोष
हाइवे पर सिवाड़ा सरहद में जिला रसद अधिकारी की ओर से शुक्रवार को महज एक पम्प पर ही कार्रवाई करने के कारण लोगों ने असंतोष जताया है। वहीं जिला रसद अधिकारी पर भेदभाव बरतने का आरोप लगाया है। इस बारे में डीएसओ से फोन पर संपर्क करना चाहा, लेकिन उन्होंने फोन बंद कर दिया।
इनका कहना…
बायोडीजल पम्प की जांच के लिए जिलेभर में संबंधित उपखण्ड अधिकारी व तहसीलदार को अधिकार दे रखे हैं। यदि कार्रवाई नहीं की गई है तो दोबारा सख्त निर्देश देकर कार्रवाई करवाएंगे।
– छगनलाल गोयल, एडीएम