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जालोर

बिना अनुमति के परिषद की सम्पत्ति पर कर रहे मुफ्त में प्रचार

सम्पत्ति विरुपण के तहत नगरपरिषद आयुक्त ने जारी किए निर्देश

जालोरMay 05, 2018 / 10:29 am

Dharmendra Kumar Ramawat

Illegal posters and hordings

Illegal posters on electricity pole and hordings in Jalore city

जालोर. शहर में स्थित सरकारी भवनों और नगरपरिषद की सम्पत्ति पर निजी कंपनियों, व्यापारियों और संस्थानों की ओर से मुफ्त में ही विज्ञापन लगाकर हर साल परिषद को लाखों रुपए के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। इस बारे में नगरपरिषद की ओर से कोई ठोस कार्यवाही नहीं करने के कारण सार्वजनिक स्थानों और जगह-जगह पोस्टर, होर्डिंग्स और बैनर लगाकर शहर का सौंदर्य भी बिगाड़ा जा रहा है। जबकि इसके लिए नगरपरिषद चाहे तो संपत्ति विरुपण अधिनियम के तहत बिना इजाजत के नगपरिषद क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों और सरकारी संपत्ति पर विज्ञापन लगाने पर सम्बंधित के विरुद्ध मामले दर्ज करा सकती है। गौरतलब है कि नगरपरिषद की ओर से इसके लिए शहर में तीन दर्जन से ज्यादा विज्ञापन साइट्स भी तय कर रखी है, जिसके लिए हर साल लाखों के टेंडर जारी किए जाते हैं। ऐसे में हर साल मुफ्त में विज्ञापन लगाने के कारण परिषद को लाखों का चूना लगाया जा रहा है।
लोग होते हैं भ्रमित
नगरपरिषद क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर निजी कंपनियों की ओर से विभिन्न भ्रामक विज्ञापन भी लगाए जाते हैं, जिन्हें पढ़कर कई बार आमजन में भ्रामक स्थिति बन जाती है। विज्ञापन के आधार कई बार लोगों को आर्थिक और मानसिक तौर पर भी परेशानी झेलनी पड़ती है। इसके बावजूद परिषद की ओर से इस सम्बंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं।
बिजली के पोल पर लगाते हैं पोस्टर
शहर के विभिन्न वार्डों और मुख्य मार्गों पर बिजली के करीब चार हजार पोल लगे हुए हैं। इनमें से अधिकतर पोलों पर आए दिन लोगों की ओर से रात के समय पोस्टर चिपका दिए जाते हैं। इस बारे में भी नगरपरिषद के कार्मिकों को कई बार भनक तक नहीं लगती। ऐसे में मुफ्त में ही सरकारी सम्पत्ति पर विज्ञापन कर परिषद को लाखों का चूना लगाया जा रहा है।
तय हैं विज्ञापन साइट्स
नगरपरिषद की ओर से शहरी क्षेत्र में विज्ञापन की साइट्स तय हैं और इसके लिए हर साल टेंडर भी जारी किए जाते हैं। इस बार भी शहर की करीब तीन दर्जन से ज्यादा तय विज्ञापन साइट्स के लिए टेंडर हुए हैं। जहां विज्ञापन दाताओं की ओर से होर्डिंग्स पर विज्ञापन लगावाए जाएंगे। इससे नगरपरिषद को भी आय होगी।
आयुक्त ने दिए निर्देश
इधर, आयुक्त शिकेश कांकरिया ने शुक्रवार को प्रेस नोट जारी कर नगरपरिषद क्षेत्र में बिना अनुमति के बिजली पोल, यूनीपोल, डिवाइडर या नगरपरिषद की निजी संपत्ति पर विज्ञापन के लिए लगाए गए होर्डिंग व बैनर हटाने के निर्देश दिए हैं। इससे हो रही राजस्व हानि को लेकर उन्होंने संबंधित को स्वयं के स्तर पर होर्डिंग्स व बैनर हटाने होंगे। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
की जाएगी कार्यवाही
नगरपरिषद क्षेत्र में संपत्ति विरुपण अधिनियम के तहत विज्ञापन साइट्स के अलावा मोहल्लों, बिजली के पोल व सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए विज्ञापन हटाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए आम सूचना भी जारी की गई है। विज्ञापन नहीं हटाने पर सम्बंधित के खिलाफ कार्यवाही कर राशि वसूल की जाएगी।
– शिकेश कांकरिया, आयुक्त नगरपरिषद जालोर

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