scriptअधिकारियों-ठेकेदार में साठगांठ से चल रहा बजरी का अवैध कारोबार | Illegal send mining in Jalore district | Patrika News

अधिकारियों-ठेकेदार में साठगांठ से चल रहा बजरी का अवैध कारोबार

locationजालोरPublished: Aug 22, 2018 10:47:43 am

इसी ठेकेदार का गौड़ीजी क्षेत्र में चल रहा है काम, जहां पर भी अवैध खनन के बाद पहुंच रही बजरी

Illegal sand mining

अधिकारियों-ठेकेदार में साठगांठ से चल रहा बजरी का अवैध कारोबार

जालोर. अवैध खनन पर नकेल कसने का दावा करने वाले पुलिस, राजस्व और खनिज विभाग की ढिलाई और लचर मॉनिटरिंग जालोर में देखने को मिल रही है। जालोर शहर में ही विभिन्न स्तर पर बजरी का अवैध कारोबार चल रहा है। जालोर के पुलिस लाइन में नगरपरिषद के जिस ठेकेदार का यह कारोबार चल रहा है। उसी ठेकेदार द्वारा अधिकारियों से मिलीभगती कर गौड़ीजी क्षेत्रमें भी नाला निर्माण का काम किया जा रहा है। यहां पर भी अल सवेरे और रात के अंधेरे में बजरी टे्रक्टरों से पहुंच रही है। लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से अधिकारियों ने भी स्वीकृति दे रखी है।यही कारण है कि यहां तक न केवल बजरी पहुंच रही है, बल्कि रास्ते में पड़े बजरी और ईंटों के ये ढेर आमजन के लिए परेशानी का कारण भी बन रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके अधिकारी न तो कार्रवाई कर रहे हैं।न ही इन हालातों के लिए ठेकेदार को पाबंद कर रहे हैं। अलबत्ता यह अवैध कारोबार दिन ब दिन फल फूल रहा है, जिसका जिम्मेदार खनिज विभाग के साथ साथ पुलिस महकमा भी है।
खाकी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल
पुलिस लाइन में मुख्य मार्ग पर ही सीसी रोड के लिए निर्माण कार्य चल रहा है। न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस का दायित्व पुलिस महकमा ही भूल चुका है और यही कारण है कि अपने ही महकमे में लगे बजरी के ढेर के मामले में पुलिस विभाग ने मौन धारण कर लिया है। जबकि नियमानुसार इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए।
मुख्य मार्गों पर काम फिर भी मौन
इस ठेकेदार के मुख्य मार्गों पर काम चल रहे हैं और ट्रेक्टरों से पुलिस की नाक के नीचे ही अवैध तरीके से बजरी पहुंच भी रही है और अन्यत्र जा भी रही है, लेकिन अधिकारी मौन धारण किए हुए हैं, जबकि आमजन की बात करें तो पुलिस और खनिज विभाग इक्का दुक्का कार्रवाई कर वाहवाही लूट रहा है।
न्यायालय के आदेशों की भी अनदेखी
बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद अधिकारी भी आंखें मूंदे हुए हैं। ऐसा भी नहीं अधिकारियों को खनन के बारे में जानकारी नहीं है। आला अधिकारी इस बारे में सब कुछ जानते हुए भी ठेकेदारों के खिलाफ किसी तरह की ठोस कार्रवाई अमल में नहीं ला रहे हैं।
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