scriptमातृ शक्ति सम्मेलन में बच्चों का भविष्य निर्माण के लिए प्रेरित किया | Inspired to build the future of children in the programme | Patrika News

मातृ शक्ति सम्मेलन में बच्चों का भविष्य निर्माण के लिए प्रेरित किया

locationजालोरPublished: Sep 16, 2019 11:44:40 am

Submitted by:

Khushal Singh Bati

कस्बे के आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय में मातृृृृृृृृशक्ति सम्मेलन का आयोजन पुष्पा अग्रवाल, पवनी बहन, रुकमणी देवी, संगीता की मौजूदगी में किया गया। कार्यक्रम में संगीता ने मौजूद महिलाओं को अपने बच्चों को संस्कारवान शिक्षा देने की बात कही

मातृ शक्ति सम्मेलन में बच्चों का भविष्य निर्माण के लिए प्रेरित किया

मातृ शक्ति सम्मेलन में बच्चों का भविष्य निर्माण के लिए प्रेरित किया

पत्रिका न्यू•ा नेटवर्क
सायला. कस्बे के आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय में मातृृृृृृृृशक्ति सम्मेलन का आयोजन पुष्पा अग्रवाल, पवनी बहन, रुकमणी देवी, संगीता की मौजूदगी में किया गया। कार्यक्रम में संगीता ने मौजूद महिलाओं को अपने बच्चों को संस्कारवान शिक्षा देने की बात कही। साथ ही जीजाबाई सरीखे उदाहरण पेश कर बच्चों का भविष्य निर्माण के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम अध्यक्ष पवनी देवी ने मां के प्रति प्रेम और मोह के अंतर को स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रेम अक्षरों में रहते हैं उसमें स्वार्थ सदैव जुड़ा रहता है, जबकि मोह में पुत्र के पथभ्रष्ट होने तथा बिगडऩे की संभावना बनी रहती है, इसलिए माता पुत्र से प्रेम करें पुत्र मोहन नहीं रखे।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मनोहर लाल सोलंकी ने अंग्रेजी शिक्षा के बदले असर तथा भारतीय संस्कृति के हार एवं पतन की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य निर्मल सिंह ने कार्यक्रम में सहयोग प्रदान करने वाले भामाशाह का आभार व्यक्त किया। समस्त इस पर पारसमल शर्मा, राधा अग्रवाल समेत कई जने मौजूद रहे।
उम्मेदाबाद.कस्बे के आदर्श विद्या मंदिर की ओर से मातृ शक्ति सम्मेलन का आयोजन रविवार को सत्यनारायण मंदिर में जैन मुनि ध्यान रत्न विजय महाराज के सान्निध्य में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में अतिथि क ेतौर पर मिनलदेवी मौजूद रही। वहीं मुख्य वक्ता मनोहरलाल सोलंकी थी। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती व मां भारती की तस्वीर के आगे द्वीप प्रज्वलित कर पुष्प अर्पित कर नन्ही मुन्नी छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना से की।
कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र छात्राओं ने रंग बिरंगी पोशाकों में सज धज कर एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। इस मौके ध्यानरत्न महाराज ने अपने वक्तव्य में कहा कि जब लड़का अच्छा कार्य करने की वजह से प्रसिद्धि प्राप्त करता है तो उसमें लड़के की माता का नाम रोशन होता है।जैसे शिवाजी की माता जीजा बाई को सभी देशवासी जानते हैं।मगर शिवाजी के पिता के नाम को हर कोई नहीं जानता। नारी संस्कृति की प्रतिमूर्ति व संस्कारों का मुख्य स्रोत और परिवार को एक सूत्र में बांधने वाली माता घर को स्वर्ग अथवा नरक बना सकती है। मुख्य वक्ता मनोहर लाल सोलंकी ने कहा कि वर्तमान समय में बालक को संस्कारित करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी मां की होती है।भारत माता की संस्कृति सभ्यता को बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।हमारी संस्कृति सर्वश्रेष्ठ है भारत विश्व गुरु था और रहेगा। संपूर्ण विश्व भारत से अपेक्षा कर रहा है। इस अवसर पर भारी तादाद में मातृशक्ति एवं आदर्श विद्या मंदिर के स्टाफ की मौजूदगी रही।
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