पुरातत्व विभाग के अधीन है छतरियां जिला प्रशासन की ओर से भाद्राजून गांव में तालाब किनारे बनी ऐतिहासिक, कलात्मक एवं पुरातात्विक छतरियों की धरोहर को पुरातत्व विभाग की ओर से रक्षित किए जाने के लिए विभाग के निदेशक को 22 जनवरी 2015 को अद्र्धशासकीय पत्र लिखा था। इस पर राज्य के कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने 4 अगस्त 2015 को यह छतरियां पुरातत्व विभाग के अधीन किए जाने की अधिसूचना जारी की थी।
बढ़ सकता है पर्यटन व्यवसाय कस्बा मुख्य मार्ग पर होने से यहां पर्यटन व्यवसाय बढ़ सकता है। अक्सर भाद्राजून किले व सुभद्रा माता का मन्दिर सुभद्रा -अर्जुन के विवाह स्थल देखने के लिए देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। कस्बे के हेरिटेज होटल में उनका ठहराव भी होता है। पर्यटन विभाग की ओर से कुछ प्रयास किए जाए तो यह स्थल भी पर्यटकों की नजर में आ सकता है। छतरियों की उचित सार संभाल करने पर भाद्राजून को पर्यटक केन्द्र के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।