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अनदेखी दे रही हादसे को न्योता, लील रही जिन्दगियां

locationजालोरPublished: Nov 30, 2019 11:05:54 am

Submitted by:

Khushal Singh Bati

– आहोर-चरली राजमार्ग पर तीन दिन पूर्व चींणों से लदी ट्रेक्टर-ट्रॉली पलटने से हुई थी दो जनों की मौत, यातायात नियमों की हो रही अवहेलना

 - आहोर-चरली राजमार्ग पर तीन दिन पूर्व चींणों से लदी ट्रेक्टर-ट्रॉली पलटने से हुई थी दो जनों की मौत, यातायात नियमों की हो रही अवहेलना

– आहोर-चरली राजमार्ग पर तीन दिन पूर्व चींणों से लदी ट्रेक्टर-ट्रॉली पलटने से हुई थी दो जनों की मौत, यातायात नियमों की हो रही अवहेलना


आहोर. क्षेत्र में पुलिस महकमे और परिवहन विभाग की अनदेखी से नियम कायदे ताक पर वाहनों का संचालन हो रहा है। जिससे आए दिन हादसे भी हो रहे है। मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र में उपयोग में आने वाले ट्रेक्टरों का जहां पिछले लंबे समय से विभागीय नियमों के विरूद्ध व्यवसायिक उपयोग काफी बढ़ गया है वहीं विभागीय अनदेखी के चलते ट्रेक्टर चालकों द्वारा यातायात नियमों की खुले आम अवहेलना की जा रही है। जिसकी वजह से सड़क हादसों में इजाफा हो रहा है लेकिन विभाग द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण तीन दिन पूर्व सोमवार रात को आहोर-चरली राजमार्ग पर नजर आया। यहां मकान निर्माण में उपयोग में ली जाने वाली चींणों से लदी ट्रेक्टर-ट्रॉली अचानक संतुलन बिगडऩे के कारण पलट गई थी। हादसे में दो जनों की ट्रेक्टर के नीचे दबने से दर्दनाक मौत हो गई वहीं एक अन्य गंभीर घायल हो गया था। ऐसे हादसे क्षेत्र समेत जिलेभर में आए दिन घटित हो रहे है। इसके बावजूद ना तो चालकों की लापरवाही कम हो रही है और ना ही पुलिस प्रशासन इसे गंभीरता से ले रहा है।
नियमों का उल्लंघन
नियमों के अनुसार ट्रेक्टरों का कृषि क्षेत्र में ही उपयोग होना चाहिए, जबकि वास्तविकता इससे परे है। ट्रेक्टरों का नियम के अनुसार कृषि क्षेत्र में उपयोग होने के साथ इनका नियम विरूद्ध व्यवसायिक उपयोग भी जोरों पर हो रहा है। लेकिन परिवहन व पुलिस विभाग इससे बेखबर बना हुआ है। मजे की बात तो यह है कि ट्रेक्टर संचालकों द्वारा कृषि उपयोग के ट्रेक्टरों का व्यवसायिक उपयोग करने के साथ यातायात नियमों की भी जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिसका ही यह परिणाम है कि सड़क हादसों में कमी आने की बजाय इसमें दिनों दिन इजाफा होता जा रहा है।
इसमें हो रहा व्यवसायिक उपयोग
कस्बे समेत क्षेत्रभर में पिछले लंबे समय से ट्रेक्टरों का व्यवसायिक उपयोग जोरों पर हो रहा है। ट्रेक्टरों का सर्वाधिक व्यवसायिक उपयोग मकान निर्माण कार्यों के तहत हो रहा है। मकान निर्माण कार्यों के तहत ईंट, बजरी, पत्थर, रफ, पानी के टेंकर, कंकरीट, मिट्टी, पाइप, सीमेंट के ड्रम, विद्युत पोल आदि सामान लाने-ले जाने में ट्रेक्टरों का व्यवसायिक उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। ट्रेक्टर संचालक नियम विरूद्ध ट्रेक्टरों का व्यवसायिक उपयोग कर रहे हैं।
उड़ा रहे यातायात नियमों की धज्जियां
ट्रेक्टर चालकों द्वारा नियम विरूद्ध ट्रेक्टरों व्यवसायिक उपयोग करने के साथ यातायात नियमों का भी खुले आम मखौल उड़ाया जा रहा है। सड़कों पर सरपट दौडऩे वाले ट्रेक्टरों में कई ट्रेक्टर नियम विरूद्ध रात्रि के समय एक लाइट के सहारे से चलते है वहीं कई ट्रेक्टरों पर दो की बजाय तीन लाइटें जलती नजर आती है। इसके अलावा कई ट्रेक्टरों के पीछे बंधी टॉलियों पर रिफ्लेक्टर का अभाव है।
अक्सर घटित होती है दुर्घटनाएं
कृषि क्षेत्र के ट्रेक्टरों का व्यवसायिक उपयोग होने तथा ट्रेक्टर चालकों द्वारा यातायात नियमों की अवहेलना करने की वजह से सड़कों पर आए दिन हादसे घटित होते रहते है। जैसा कि ट्रेक्टर-ट्रोली में बजरी, पोल, पत्थर वगैरह भरकर उस पर श्रमिकों को बिठाया जाता है। इसके अलावा चालकों द्वारा ट्रोली में सामान लादकर ट्रेक्टरों को सड़कों पर तेजी गति से दौड़ाया जाता है। जिसकी वजह से दुर्घटनाएं घटित होनी स्वाभाविक है।
कई ट्रेक्टर चालक जमा नहीं करवाते वाणिज्य कर
कई ट्रेक्टर चालक ट्रेक्टरों का कृषि क्षेत्र के साथ नियम विरूद्ध व्यवसायिक उपयोग तो करते है लेकिन इसका वे नियमानुसार परिवहन विभाग में वाणिज्य कर जमा नहीं करवाते है। पूर्व में वाणिज्य कर करीब १५ से १८ हजार रुपए सालाना होता था। लेकिन वर्तमान में सरकार ने नए नियम लागू करते हुए वाणिज्य कर भी पहले से बेहद कम कर दिया है। नए नियम के तहत अब ट्रेक्टर मालिक को ट्रोली को व्यवसायिक उपयोग में लेने के लिए विभाग में ट्रेेक्टर की कुल कीमत का मात्र एक प्रतिशत टैक्स एक बार ही जमा करवाना होता है। इसके बावजूद कई टे्रक्टर संचालक टैैक्स राशि जमा नहीं करवाकर नियम विरूद्ध ही ट्रेक्टरों का व्यवसायिक उपयोग कर रहे है। इसके अलावा उनके द्वारा यातायात नियमों का भी खुले आम मखौल उड़ाया जा रहा है।
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