उन्होंने जिले के बडग़ांव की जूती, लेटा के खेसले एवं हरजी में मिट्टी के घोड़ों के जीआई टेगिंग के लिए पर्यटन विकास के अधिकारियों को उद्योग विभाग से समन्वय कर प्रयास करने के निर्देश दिए। जिससे जिले के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले। साथ ही इसका लाभ स्थानीय हस्त शिल्पकारों व बुनकरों को मिल सके। जिला कलक्टर ने भीनमाल स्थित पैनोरमा को महाकवि माघ एवं गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त की जीवन को प्रदर्शित करते हुए लाइट एवं साउण्ड शो के माध्यम से नवीन पर्यटन स्थल के रूप में और अधिक विकसित करने की बात कही। इसी प्रकार वॉल पेन्टिंग के माध्यम से जिलेभर में आकर्षक रंगों से विरासत एवं संस्कृति के बारे में लोगों को जागरूक करने को कहा। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार वासु, पर्यटक स्वागत केन्द्र आबू पर्वत की सहायक निदेशक सुमिता मीना, उपखण्ड अधिकारी दिनेश धाकड, पर्यटन विकास समिति के मनोनीत सदस्य लक्ष्मण सांखला उपस्थित रहे।