जालोर ने बढ़ाया बेटियों का मान, बढऩे लगी बेटियां
जालोरPublished: Oct 19, 2019 10:48:19 am
जालोर जिले में बेटियों की संख्या लगातार बढऩे लगी है। सरकार के द्वारा चलाई जा रही बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना के तहत चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम के प्रयासों का सार्थक परिणाम अब आने लगा है।
जालोर जिले में बेटियों की संख्या लगातार बढऩे लगी है। सरकार के द्वारा चलाई जा रही बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना के तहत चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम के प्रयासों का सार्थक परिणाम अब आने लगा है।
जालोर. जालोर जिले में बेटियों की संख्या लगातार बढऩे लगी है। सरकार के द्वारा चलाई जा रही बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना के तहत चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम के प्रयासों का सार्थक परिणाम अब आने लगा है। नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मुुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेन्द्र सिंह देवल ने बताया कि जालोर में जहां 2011 की जनगणना के अनुसार 1000 बेटों के मुकाबले 8 95 ही बेटियां थी, जो काफी चिंताजनक थी। वही अब जिले में बेटियों की संख्या लगातार बढ़ कर वर्ष 2018 -19 में 1000 लड़कों के मुकाबले 974 हो गई है। बेटियों की संख्या लगातार बढऩे पर भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली की ओर से अपर सचिव के. मोसेस चलाई ने जालोर जिला कलेक्टर महेन्द्र सोनी को पत्र भेजकर बधाई दी है।
यूं बढ़ रही है बेटीयों की संख्या
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी देवल ने बताया कि जिले में जहां 2011 की जनगणना के अनुसार 1000 बेटों के मुकाबले 8 95 ही बेटियां थी। उसके बाद यह संख्या वर्ष 2014-15 में 939, वर्ष 2015-16 में 940, वर्ष 20१6 -17 में 98 1, वर्ष 2017-18 में 950 तक बढ़ी तथा वर्ष 2018 -19 में यह आंकड़ा 974 तक बढ़ गया।
33 सेन्टर संचालित
जिले में 33 सोनोग्राफी सेन्टर संचालित किए जा रहे है।जिनका नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। सोनोग्राफी सेन्टरों पर जीपीएस व एक्टिव ट्रेकर लगाए हुए है। जिससे ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी की जा रही है। वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से द्वारा कन्या भू्रण हत्या रोकने के लिये आमजन का सहयोग प्राप्त करने के लिए राज्य में मुखबिर योजना चलाई जा रही है।
बेटियों के प्रति किया जा रहा जागरूक
बेटा-बेटी में भेदभाव कम करने एवं बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाने के लिये डॉटर्स आर प्रिसियस कार्यक्रम चलाया जा रहा है।जिसके तहत वर्ष 2018 में 150 से ज्यादा स्कूलों के 35 हजार से ज्यादा स्कूली बच्चों एवं अभिभावकों को जागरूक किया गया। सभी 274 ग्राम पंचायतों पर भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए है। साथ ही साथ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत कई तरह के जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं