जवाई से छोड़ा जा रहा है पानी
जवाई बांध अपनी क्षमता के अनुसार पूरा भरा हुआ है और वहां से एक गेट खोलकर छह सौ क्यूसेक पानी नियमित छोड़ा जा रहा है। वहीं जिले के बांडी सिणधरा, चवरछा, बांकली और बीठन बांध भी शत प्रतिशत भरे हुए हैं। नोसरा बांध में अपनी क्षमता का 60 फीसदी पानी है। जिले के सूंथड़ी, दूठवा, केरिया, चितलवाना क्रास बांध फूटे होने के कारण वहां बूंद भी पानी नहीं है।
जवाई बांध अपनी क्षमता के अनुसार पूरा भरा हुआ है और वहां से एक गेट खोलकर छह सौ क्यूसेक पानी नियमित छोड़ा जा रहा है। वहीं जिले के बांडी सिणधरा, चवरछा, बांकली और बीठन बांध भी शत प्रतिशत भरे हुए हैं। नोसरा बांध में अपनी क्षमता का 60 फीसदी पानी है। जिले के सूंथड़ी, दूठवा, केरिया, चितलवाना क्रास बांध फूटे होने के कारण वहां बूंद भी पानी नहीं है।
चार जिलों में अतिवृष्टि
तीन सितम्बर तक के औसत मानसून को आधार मानें तो जालोर, बाड़मेर, पाली और सिरोही जिले में अतिवृष्टि है। जालोर जिले में जुलाई माह के बाद अभी तक कई गांवों के रास्तों का सम्पर्क कटा हुआ है और वहां अभी तक जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है। पूरे राज्य की बात करें तो सामान्य की 4.63 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। तीन सितम्बर तक 461.35 एमएम बारिश के औसत के मुकाबले अभी तक 462.81 एमएम बारिश हुई है।
तीन सितम्बर तक के औसत मानसून को आधार मानें तो जालोर, बाड़मेर, पाली और सिरोही जिले में अतिवृष्टि है। जालोर जिले में जुलाई माह के बाद अभी तक कई गांवों के रास्तों का सम्पर्क कटा हुआ है और वहां अभी तक जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है। पूरे राज्य की बात करें तो सामान्य की 4.63 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। तीन सितम्बर तक 461.35 एमएम बारिश के औसत के मुकाबले अभी तक 462.81 एमएम बारिश हुई है।