जालोर का ये युवा बॉलीवुड के लिए लिख रहा गाने
जालोरPublished: Apr 06, 2019 10:49:55 am
बॉलीवुड प्लेबैक सिंगर और जलोटा को भी रास आए जालोर के इस युवा के लिखे गाने, लिरिक्स और म्यूजिक कंपोजिंग में देश भर में कमा रहा जालोर का नाम
जालोर का ये युवा बॉलीवुड के लिए लिख रहा गाने
जालोर. शहर से करीब दस किमी दूर एक छोटे से गांव का युवा बॉलीवुड इण्डस्ट्री में ना केवल खुद नाम कमा रहा है, बल्कि जिले का भी नाम देशभर में रोशन कर रहा है। हम बात कर रहे हैं सांकरणा निवासी ३६ वर्षीय श्रवण देवड़ा की। गांव की स्कूल में ही 10वीं तक पढऩे के बाद इस युवा ने बॉलीवुड इण्डस्ट्री में कदम रखा और अब इसके लिखे गाने ना केवल बॉलीवुड प्ले बैक सिंगर्स को पसंद आ रहे हैं, बल्कि भजन सम्राट के नाम से जाने जाने वाले अनूप जलोटा ने भी हाल ही में इसी युवा के लिखे भजन की एलबम ‘हे नाथ मेरे… हे नाथ मेरे…Ó लांच की है। देवड़ा के पिता भंवरलाल का कुछ माह पूर्व निधन हुआ था। जिसके बाद पिता को श्रद्धांजलि स्वरूप देवड़ा ने इस भजन को लिखा और इसका म्यूजिक भी तैयार किया। इसके बाद गत १३ मार्च को मुंबई में जलोटा ने इस एलबम को गाकर रिलीज किया। इस भजन को सोशल साइट्स पर भी काफी हिट्स मिल रहे हैं।
कवि से बना गीतकार
सांकरणा निवासी देवड़ा ने बताया कि स्कूली शिक्षा के समय वह कविताएं लिखता था। उसने भारतीय राजनीति, ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि और संस्कृति से जुड़ी कई जोशीली कविताएं भी लिखी। धीरे-धीरे कविताओं से उसका रुख गीतों की रचना की तरफ बढऩे लगा और इसके बाद से लेकर अब तक देवड़ा ने 70 से 80 गीत लिखे और इनकी धुन भी तैयार की।
अब तक 8 गाने और एक भजन रिलीज
देवड़ा की ओर से अब तक लिखे गए इन गानों में से 8 बॉलीवुड प्लेबेक सिंगर गा चुके हैं। देवड़ा का लिखा सबसे पहला गाना ‘ओ-बेबी…Ó वर्ष 2002 में रिलीज हुआ, लेकिन इसकी अच्छी मार्केटिंग नहीं हो पाई। इसे अब जल्द ही यू-ट्यूब पर लांच किया जाएगा। इसके अलावा टीवी सीरियल सास भी कभी बहु थी के टाइटल सांग की गायिका प्रिया भट्टाचार्य, जो-जो, ऋचा शर्मा, विनोद राठौड़, त्यागराज खाडि़लकर व भावना पंडित जैसे बॉलीवुड प्ले बैक सिंगर ने भी देवड़ा के लिखे गाने को स्वर दिए हैं। इसके बाद राठौड़ का लिखा एक भजन हाल ही मार्च 2019 में जलोटा ने गाया है।
खुद नहीं जानता बजाना
सांकरणा का यह युवा फिलहाल कोयम्बटूर में व्यवसाय करता है। काम के साथ-साथ गीत लिखने और धुन तैयार करने का जुनून भी देखते ही बनता है। खास बात तो यह है कि देवड़ा को किसी तरह का वाद्य यंत्र बजाना नहीं आता। फिर भी गीत की धुन और म्यूजिक उनके निर्देशन में तैयार किए जाते हैं।