jalore ::: http://bit.ly/2Y1LgDv::: परचूनी की दुकान में शराब भी बिकती है
दोनों तरफ एजेंटों का तगड़ा नेटवर्क
शराबबंदी के बावजूद गुजरात के लिए भारी मात्रा में शराब की आपूर्ति हो रही है। इसके लिए सीमा से सटे गांवों में तस्कर सक्रिय है। सांचौर क्षेत्र तस्करों का गढ़ बना हुआ है। बताया जा रहा है कि गुजरात सीमा के दोनों ओर इनका तगड़ा नेटवर्क है। इधर के एजेंट शराब भरे वाहनों को सांचौर से गुजरात सीमा में प्रवेश करवाने का काम करते हैं। गुजरात में प्रवेश करने के बाद वाहन को आगे पहुंचाना वहां के एजेंट की जिम्मेदारी है।
दोनों तरफ एजेंटों का तगड़ा नेटवर्क
शराबबंदी के बावजूद गुजरात के लिए भारी मात्रा में शराब की आपूर्ति हो रही है। इसके लिए सीमा से सटे गांवों में तस्कर सक्रिय है। सांचौर क्षेत्र तस्करों का गढ़ बना हुआ है। बताया जा रहा है कि गुजरात सीमा के दोनों ओर इनका तगड़ा नेटवर्क है। इधर के एजेंट शराब भरे वाहनों को सांचौर से गुजरात सीमा में प्रवेश करवाने का काम करते हैं। गुजरात में प्रवेश करने के बाद वाहन को आगे पहुंचाना वहां के एजेंट की जिम्मेदारी है।
बन रहा शराब तस्करी का गढ़
जालोर जिले के कई गांव गुजरात से सटे हुए हैं। इन गांवों में शराब तस्करों का नेटवर्क फैला हुआ है। जालोर के रानीवाड़ा, बडग़ांव, रतनपुर, अचलपुर समेत सांचौर व रानीवाड़ा क्षेत्र का बड़ा हिस्सा गुजरात से सटा हुआ है। यह इलाका लम्बे समय से शराब तस्करी का गढ़ बना हुआ है। तस्करों ने कई गांवों में डम्पिंग यार्ड बना रखे हैं, जहां से माल आपूर्ति किया जाता है।
कुछ किमी दूर ही गुजरात बॉर्डर
सूत्र बताते हैं कि सांचौर के लिए भारी वाहनों में एक मुश्त शराब आ रही है। यहां अड्डों पर उतारे जाने के बाद छोटे वाहनों में भरकर गुजरात के लिए रवाना किया जाता है। इन अड्डों से वाहनों में भरा गया माल गंवई रास्तों से ही गुजरात तक पहुंच जाता है। कुछ किमी का रास्ता तय करने के दौरान तस्करों को थोड़ी-बहुत सावचेती रखनी पड़ती है, लेकिन गुजरात में प्रवेश के बाद मौज ही मौज।
जालोर-सिरोही तक पूरा कवरेज एरिया
तस्करों के इस नेटवर्क का जालोर व सिरोही जिले में पूरा कवरेज एरिया है। किसी भी जिले में रोकदाब होने पर तस्कर दूसरे जिले की सीमा से होते हुए माल पार करने का प्रयास करते हैं। सिरोही से सटी गुजरात सीमा पर रोकदाब होने पर जालोर व यहां सख्ती दिखने पर सिरोही का रास्ता चुनते हैं। इसमें कई बार सफल होते हैं कभी पकड़े भी जाते हैं। सिरोही से जालोर आने के लिए अमूमन बडग़ांव का रास्ता चुनते हैं।
सतर्क हुई जांच एजेंसियां तो धरे गए
1. कुछ माह पहले जालोर से सटे बालोतरा-पचपदरा (बाड़मेर) में आबकारी महकमे ने लगातार कार्रवाई करते हुए शराब भरे ट्रक पकड़े थे। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया था कि यह माल सांचौर क्षेत्रमें डम्प होना था। तस्कर इसे जोधपुर-नागौर के रास्ते लेकर आए थे, लेकिन पचपदरा में धर लिए गए।
2. सांचौर में बाहरी राज्य की शराब डम्प होने का मामला सामने आने पर स्थानीय स्तर पर भी आबकारी ने सतर्कता बरती। इसके बाद सांचौर क्षेत्र में निगरानी रखी गई तो अचलपुर गांव के समीप खेत में रखी शराब की बड़ी खेप बरामद की। यहां से हल्के वाहनों में माल आपूर्ति होना था।
3. गत वर्ष जनवरी माह में बडग़ांव के पास जैतपुरा नदी के पास शराब भरा ट्रक पलट गया था। रेशमी धागों की आड़ होने से कई घंटों तक यह ट्रक वहीं पड़ा रहा, लेकिन किसी को भनक नहीं लगी। बाद में पुलिस ने इस ट्रक को जब्त कर लाखों रुपए मूल्य की शराब बरामद कर दो जनों को गिरफ्तार किया गया। यह माल पंजाब से रानीवाड़ा होते हुए गुजरात के कच्छ जिले में पहुंचाया जा रहा था।
कार्रवाई कर रहे हैं…
रूटीन के साथ ही बॉर्डर इलाकों में भी सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दे रखे है। कुछ समय पहले सांचौर क्षेत्र में खेत में रखी बड़ी खेप एवं कार व जीपों में भरकर ले जाई जा रही शराब बरामद कर चुके हैं।
-विनोद वैष्णव, जिला आबकारी अधिकारी, जालोर