scriptआतिथ्य प्रबंधन में युवाओं के लिए रोजगार के बहुत सारे अवसर | Lots of job opportunities for young people in guestship management | Patrika News

आतिथ्य प्रबंधन में युवाओं के लिए रोजगार के बहुत सारे अवसर

locationजालोरPublished: May 24, 2018 11:05:36 am

स्विटजरलैण्ड में आतिथ्य प्रबंधन पढ़कर आए सूर्यप्रताप सिंह भाटी बता रहे हैं रोजगार के अवसर

Job opportunities for youngers

Lots of job opportunities for young people in guestship management

जालोर. आतिथ्य प्रबंधन में रोजगार की असीम सम्भावनाएं हैं। आतिथ्य प्रबंधन का अर्थ सिर्फ होटल प्रबंधन ही नहीं बल्कि रेस्तरां, कल्नरी एवं आर्ट्स, फूड एवं ब्रेवरेज, स्पा एवं रिजॉर्ट, इवेंट मैनेजमेंट, अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रबंधन, उद्यमशीलता, पर्यटन प्रबंधन समेत कई विषयों का ज्ञान से है। यह जानकारी रविवार को एक दिवसीय निजी कार्यक्रम में जालोर आए स्विस आतिथ्य प्रबंधन संस्थान के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सूर्यप्रतापसिंह भाटी ने पत्रिका से बातचीत में साझा की।
स्विस शिक्षा समूह के सबसे महत्वपूर्ण को—पैलेस में अध्ययनरत रहे भाटी फिलहाल एक सॉफ्टवेयर कंपनी के लिए काम करते हैं। वे बताते हैं कि उन्होंने आतिथ्य प्रबंधन पढ़ा, लेकिन वे सॉफ्टवेयर में सफलतम काम कर रहे हैं। हमारे यहां से विदेश जाने वाले बच्चे अक्सर इंजीनियरिंग, चिकित्सा और कानून की पढ़ाई से आगे नहीं सोचते। इन क्षेत्रों में कम्पटीशन तो बहुत है परन्तु पैसा और लग्जरी लाइफ नहीं है। जो यह दोनों चाहते हैं उन्हें आतिथ्य प्रबंधन से जुडऩा चाहिए। दुनिया का हर छठा व्यक्ति भारत में रहता है। दुनिया उसी नजर से हमारे देश को देख रही है। भारत एक बहुत बड़ा बाजार होगा। ऐसे में यहां के लोगों को सर्वाधिक उद्यमशील होने की जरूरत है। भारत में न्यूनतम इन्वेस्ट में अच्छा परिणाम देने की अच्छी परम्परा है तो यहां के इन्टरप्रन्योर उसके आधार पर अच्छा परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
दुनिया जानती है भारत का वैभव
सूर्यप्रताप बताते हैं कि बॉलीवुड अभिनेता रणवीरसिंह को स्विटजरलैण्ड ने अपना टूरिज्म आइकन बनाया है। क्योंकि आने वाले समय में भारत दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेस प्रदाता होगा, यह वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की रिपोर्ट कहती है। ऐसे में दुनिया भारत का वैभव जानती है। हमारे लोगों को इसी अनुसार अवसरों को भुनाना होगा। अन्यथा एफडीआई के माध्यम से विदेशी इन्वेस्टमेंट होगा और बाहरी लोग इसका फायदा उठाएंगे।
को—पैलेस में बड़ौदा महाराजा का कमरा
वे बताते हैं कि मोन्त्रो शहर में को—पैलेस में बड़ौदा के पूर्व महाराज सियाजीराव गायकवाड़ का एक कमरा आज भी बुक रहता है। यहां जिनेवा कन्वेंशन में आए पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री समेत कई लोग रुक चुके हैं। यह पहला रॉयल लग्जरी होटल था। यहां पढऩे वाले विद्यार्थी ही गेस्ट है और वे ही सर्विस प्रदाता। ऐसे में सैद्धान्तिक के साथ प्रयोगिक शिक्षा का एक बेहतरीन मॉडल यहां नजर आता है। इसी तरह बुवरे में स्थापित इन्टरप्रन्योरशिप स्कूल कल्नरी एवं आर्ट्स में शिल्पा शेट्टी की तस्वीर शेफ मोजीमान कलेक्शन में लगी है। वे बताते हैं समूह के कार्यकारी अधिकारी फ्लोरों रोन्डेज दिसम्बर 2017 में भारत आए थे। उन्होंने बताया था कि हमारी अतिथि देवो भव की संस्कृति को करीब से स्टडी किया था। स्विस में आतिथ्य प्रबंधन की कई स्कूलें हैं जिनमें कल्नरी एवं आर्ट्स लोजान में चॉकलेट—पेस्ट्री और खाद्य सामग्री निर्माण की विधाएं सिखाई जाती हैं। बच्चे खुद प्रायोगिक तरीके से सीखते हैं तो उनमें उद्यमशीलता की भावना विकसित होती जाती है। इसी तरह नोएशेटल में अंतरराष्ट्रीय होटल एवं डिजाइन तकनीकी संस्थान होटल व इवेंट्स की डिजाइनिंग सिखाता है।
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