जालोर. बागरा में रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज निर्माण कर रही कार्यकारी एजेंसी ने मनमर्जी के बेरियर लगा कर रास्ता रोक रखा है। यहां से हल्के वाहन तो दूर अक्सर कार भी नहीं निकल पाती। यहीं कारण रहा कि मंगलवार को एक कार इन बेरियर की चपेट में आकर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत रही कि कार सवार पीडब्ल्यूडी एक्सइएन बच गए, अन्यथा बड़े हादसे से इनकार नहीं कर सकते थे। बताया जा रहा है कि कार्यकारी एजेंसी के कार्मिक जब मर्जी हो तब बेरियर के बीच की दूरी कम-ज्यादा कर देते हैं। इससे अक्सर हल्के वाहन भी मुश्किल से गुजर पा रहे हैं। मंगलवार सुबह यहां से गुजर रहे एक्सइएन की कार बेरियर में से नहीं निकल पाई और पिलर से टकराकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत रही कि एक्सइएन बच गए। उधर, हादसे की सूचना मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारी आए तथा कार्यकारी एजेंसी के कार्मिकों से बात की। इसके बाद बेरियर को वापस ठीक किया गया। हादसे में बाल-बाल बचे एक्सइएन जेएल चौहान फिलवक्त भीनमाल में कार्यरत हैं और मंगलवार को किसी कार्य से जालोर आए थे, यहां से लौटते समय हादसा हो गया।
हर जगह बेरियर डालकर अवरोध
इस मार्ग पर चलने वाले वाहन चालकों ने बताया कि कार्यकारी एजेंसी के कार्मिक अपनी मनमानी चला रहे हैं। कार जितनी साइज में आने वाली मिनी बसों को भी रोक रहे हैं। मिनी बसें जिस भी मार्ग से गुजर रही हो उसी जगह बेरियर लगाकर अवरोध डाल रहे हैं। इससे वाहन चालकों की समस्या बढ़ रही है। आसपास के गांवों से ग्रामीण रूट पर चलने वाली मिनी बसें भी लम्बी दूरी से गुजारनी पड़ रही है।
लम्बी दूरी से गुजरने की मजबूरी
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि फाटक से गुजरने वाले रास्ते पर मिनी बसें तो क्या बड़ी बसें भी आराम से गुजर सकती है, लेकिन कार्यकारी एजेंसी के कार्मिक मनमानी चला रहे हैं। इससे नारणावास-खेजड़ला या नारणावास-धवला होते हुए बसें निकालनी पड़ रही है। ये दोनों ही रास्ते लम्बे व दुरूह रास्ता होने से यात्रियों को भारी समस्या हो रही है। बसों का मैंटेनेंस बढ़ रहा है सो अलग।
बेरियर ठीक करवाए हैं…
हादसे की जानकारी मिलने पर अधिकारी मौके पर गए थे। कार्यकारी एजेंसी के इंजीनियर से बात कर बेरियर के बीच की दूरी बढ़वा दी है। हादसे में एक्सइएन बाल-बाल बच गए, लेकिन उनकी कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है।
– तेजाराम चौधरी, कार्यवाहक अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी, जालोर