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चुनावी प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों ने खाने को लेकर मचाया बवाल

locationजालोरPublished: Oct 25, 2018 12:12:48 pm

प्रतिबंधित पॉलिथिन में मंगवाया भोजन, खराब बता प्रशिक्षणार्थियों ने किया बहिष्कार, विधानसभा चुनावों को लेकर सांचौर में 200 संभागी ले रहे हैं प्रशिक्षण

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low quality of food in assembly elections training at Sanchore

सांचौर. आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर निर्वाचन विभाग की ओर से सांचौर शुरू किए गए पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में खराब भोजन देने से नाराज प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों ने बुधवार को हंगामा करते हुए दोपहर के भोजन का बहिष्कार कर दिया। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि प्रशिक्षण शिविर में दिया जाने वाला भोजन निम्न गुणवत्ता का होने के साथ-साथ प्रतिबंधित पॉलीथिन में पैक कर लाया गया था। इधर, हंगामे की सूचना पर सांचौर तहसीलदार शिविर स्थल राउमावि सांचौर पहुंचे और शिक्षकों से समझाइश की, लेकिन शिक्षकों ने प्रशासन के रवैये को लेकर नाराजगी जताते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि पिछले तीन दिन से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों को खराब भोजन दिया जा रहा है। जिससे उन्हें पेट व स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो गई है। प्रशासन को लिखित में अवगत करवाने व भोजन मैन्यू की मांग के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं की रही है। एसडीएम को इस बारे में अवगत करवाने के बावजूद उन्होंने इस ओर तक नहीं दिया। भोजन के पैकेट में पैक की गई रोटियां कच्ची और जली हुई थी। वहीं सब्जी व दाल प्रतिबंधित पॉलीथिन की थैलियों में पैक कर लाई गई। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि पिछले तीन दिन से उन्हें ठंडा भोजन लाकर खिालाया जा रहा है। ऐसे में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों ने बुधवार को सामूहिक रूप से भोजन का बहिष्कार किया। जिससे प्रशानिक अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई।
प्रतिबंधित पॉलिथीन में खाने की पैकिंग
मालिक का मालिक कौन होता है कहावत स्थानीय प्रशासन पर सटीक बैठती है। राज्य सरकार की ओर से जिस पॉलिथिन को प्रतिबंधित कर रखा है, उसी पॉलिथीन की थैलियों में प्रशिक्षणार्थियों के लिए भोजन के किट व सब्जियां पैक करवाई गई थीं। खास बात तो यह है कि खुद प्रशासन की ओर से ही इस प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग भोजन सामग्री पैक करने के लिए किया जाना सवालिया निशान छोड़ रहा है। जबकि कुछ दिन पहले ही प्रशासन की ओर से शहर में चलाए गए प्रतिबंधित पॉलिथिन जब्त करने के अभियान को लेकर विवाद हो गया था।
गुणवत्ता पर भी सवाल
चुनाव आयोग की ओर से शहर के आदर्श राउमावि में शुरू किए गए प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देने की बात दूर भोजन को लेकर बखेड़ा खड़ा हो जाने से कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। संभागियों ने बताया कि शिविर में प्रशासन द्वारा तैयार करवाए गए खाने में कच्ची व जली रोटी तो दूर की बात दाल व सब्जी का पता भी नहीं लग पा रहा था। ऐसे में प्रशिक्षण शिविर के नाम पर अनियमितता बरती जा रही है।
80 रुपए प्रति संभागी का बजट
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से शिविर में भाग लेने वाले प्रशिक्षाणार्थियों के चाय के लिए 5 रुपए, भोजन के लिए 55 और पानी के लिए 20 रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। इस तरह एक प्रशिक्षणार्थी पर 80 रुपए का बजट होने के बावजूद अनियमतित बरतना निर्वाचन विभाग की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है।
व्यवस्था किसकी, किसी के पास जवाब तक नहीं
पांच दिवसीय प्रशिक्षण में खराब खाने को लेकर विवाद होने के बाद प्रशासन भोजन बनाने का काम ठेके पर देने की बात कह रहा है, लेकिन जब ठेकेदार की जानकारी चाही गई तो कोई जबाब देने को तैयार ही नहीं हुआ। ऐेसे में प्रशासन की ओर से 200 संभागियों के लिए तैयार करवाए जा रहे भोजन के नाम पर लीपापोती सामने आ रही है।
शिक्षक : खराब खाना नहीं खाएंगे, अधिकारी : नाश्ता मंगवा लो
शिविर के दौरान रोष बढऩे व विवाद के चलते हड़बड़ाए प्रशासनिक अधिकारियों ने आनन-फानन में मामले पर पर्दा डालने के लिए शिक्षकों से खाना खराब होने पर नाश्ता मंगवाने की बात कही। जिसका संभागियों ने विरोध करते हुए खाने का सामूहिक बहिष्कार किया।
बजट की आड़ में घालमेल की आशंका
निर्वाचन विभाग की ओर से प्रशिक्षण शिविर के नाम पर बजट स्वीकृत किया गया है, लेकिन इस बजट का सही उपयोग हो भी रहा है या नहीं। यह बात बुधवार को हुए विवाद में खुलकर सामने आई। मामला उजागर होने के बाद बजट की राशि में घालमेल की भी आशंका जताई जा रही है।
इनका कहना है…
प्रशिक्षण शिविर में भोजन दो दिन तक तो अच्छा बना, लेकिन बुधवार को खाना सही नहीं था तो खाना केंसल कर देंगे। प्रतिबंधित पॉलीथिन में अगर खाना लाया गया है तो यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है। ऐसा है तो मामले में कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा। वैसे इसके लिए निर्वाचन विभाग की ओर से से बजट स्वीकृत हुआ है। उसी के आधार पर भोजन व नाश्ता दिया जा रहा है।
– गोमती शर्मा, एसडीएम, सांचौर
निर्वाचन विभाग की ओर से शिविर में प्रशिक्षणार्थियों को पिछले में तीन दिन से कच्ची रोटियां व खराब खाना दिया जा रहा है। जिसका हमने बुधवार को सामूहिक रूप से बहिष्कार किया है। प्रतिबंधित पॉलीथिन की थैलियों में भोजन पैक करवाकर खराब खाना मंगवाया गया था। जिसे पशु भी नहीं खाते हैं। इस मामले में कार्रवाई की मांग गई है।
– किशनलाल सारण, जिलाध्यक्ष शिक्षक संघ प्रगतिशील जालोर
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