जालोर

शादी के सुनहरे सपने में गंवाई गाढ़ी कमाई, पट्टे रखे गिरवी, नौकरी भी छूटी

– पीडि़तों ने पत्रिका से साझा किया अपना दुख कहा इतने सदमे में हैं कि काम धंधा भी छोड़ चुके

जालोरOct 24, 2019 / 09:34 am

Khushal Singh Bati

– पीडि़तों ने पत्रिका से साझा किया अपना दुख कहा इतने सदमे में हैं कि काम धंधा भी छोड़ चुके

जालोर. लुटेरी दुल्हनों के चक्कर में अपना सबकुछ गंवा चुके चारों दूल्हे सदमे में हैं। वे विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि उनके साथ अचानक से यह सबकुछ कैसे घटित हो गया, जबकि उन्होंने शादी करने के साथ भविष्य ेके लिए सुनहरे सपनों का ताना बाना बुनना शुरू कर दिया था। अब पीडि़त इस मामले में पुलिस इमदाद की आस लगाए बैठे हैं। पूरे घटनाक्रम में कोई अपना पूरा बैलेंस गंवा चुका है तो कोई दूल्हा बनने की चाहत में बड़े कर्ज तले दब चुका हैं। मामले में प्रकरण एसपी को पेश होने के बाद उन्हेांने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए आहोर थाना क्षेत्र में प्रकरण दर्ज कर प्रकरण की त्वरित जांच करने और आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश जारी किए हैं। अलबत्ता अभी चारों युवक मायूस और हताश है और अपना सबकुछ लुटने के बाद लुटेरी दुल्हनों की गिरफ्तारी और अपना धन वापसी की आस लगाए बैठे हैं।
सबकुछ चला गया चारों का
चारों युवकों की हालत खराब है और ये सब निजी कार्य ही कर रहे थे। पीडि़त रूपसिंह ने बताया कि उसने शादी की चाहत में अपने पुश्तैनी गहने गिरवी रखकर रुपए की व्यवस्था की थी। इसी तरह अमराराम ने बताया कि उसने यह राशि ब्याज पर उठाई थी और अब उसका ब्याज भर रहा है। वहीं धनाराम का कहना था कि शादी की अभिलाषा में उसने अपने रिश्तेदारों से इस राशि का प्रबंधन किया था। वहीं पीडि़त जगदीश के भाई मुकेश ने बताया कि उसने इस राशि का प्रबंध घर का पट्टा गिरवी रखकर किया था, लेकिन शादी के बाद उन्हें धोखा मिला है।
सदमें में पीडि़त, काम धंधा भी छूटा
तीन दूल्हों के शादी के दो माह बाद और एक दूल्हे के शादी के 15 दिन बाद ही दुल्हनों के चले जाने के बाद से ही पीडि़त गहरे सदमे में है। सभी प्राइवेट काम ही कर रहे थे। इसमें धनाराम मदुरै में एक होटल पर काम रहा था, जबकि मुकेश और उसका भाई पूना में काम रहे थे। जबकि रूपसिंह और अमृत आहोर क्षेत्र में ही निजी कार्य कर रहे थे। घटनाक्रम के बाद से ही पीडि़त काम धंधा छोड़कर दुल्हनों की तलाश में भटकते रहे और खुद को ठगा सा महसूस करने के बाद पुलिस के सामने परिवाद पेश किया है। इस पूरे नाटक में इन लोगों की मेहनत की पूंजी लुट चुकी है। वहीं पुश्तैनी गहने और प्लॉट के दस्तावेज फिलहाल गिरवी है।
मामले और भी, कब पहुंचते हैं थाने तक
सूत्रों की मानें तो इस तरह से शादी के नाम पर झांसा देकर युवकों को ***** बनाने के जिले में काफी अधिक प्रकरण है। इनमें से वे युवक अधिक है, जिनके परिवार में कोई सक्षम आदमी नहीं है, जो उनके लिए रिश्ते की तलाश कर सके। इन हालातों में वे इस लूट गिरोह के निशाने पर आ जाते हैं। यह गिरोह इस तरह के युवकों को चिह्नित करते हैं और उसके बाद पूरी जानकारी जुटाने के साथ इनका विश्वास अर्जित करने के बाद उनसे शादी करवाने की एवज में बड़ी राशि मांगते हैं और उसके बाद उन्हें लड़की तक दिखाकर शादी करवा देते हैं। कुछ समय राजी खुशी रहने के बाद ये लुटेरी दुल्हनें अपने मायके जाने का बहाना बनाकर वहां से रफूचक्कर हो जाती है, जैसा कि इस मामले में हुआ। प्रकरण और भी है, लेकिन अधिकतर युवक मामले को अपने स्तर पर ही रखकर मामले को लोकलाज के डर से दबा देते हैं, जिसका फायदा इस लूट गिरोह को होता है।
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