जिले में दहेज प्रताडऩा, बेटियों के लिए अनचाहेपन और पारिवारिक क्लेश में महिलाओं पर अत्याचार की कई कहानियां सामने आई
केस एकरानीवाड़ा थाना क्षेत्र के दहीपुर गांव में तीन बेटियों की मां की मौत। हत्या का प्रकरण दर्ज। पीहर पक्ष ने आरोप लगाया तीसरी बेटी होने से नाराज ससुराल पक्ष ने हत्या कर दी।
केस दोरामसीन थाना क्षेत्र के चांदना गांव में ३2 वर्षीया विवाहिता को दहेज के लिए प्रताडि़त करके हत्या करने का प्रकरण दर्ज। पुलिस की ओर से इस मामले में जांच की जा रही है।
केस तीनभीनमाल के जाकोब तालाब में एक महिला का शव मिला। अंतिम बार पति से मोबाइल पर बात हुई थी। पति के विरुद्ध प्रकरण दर्ज। नौ दिन पूर्व परिजनों ने दी थी दहेज प्रताडऩा की रिपोर्ट
जालोर. जिले में सामने आए इन प्रकरणों में दहेज प्रताडऩा, बेटियों के लिए अनचाहेपन और पारिवारिक क्लेश में महिलाओं पर अत्याचार की ऐसी कहानियां सामने आई है जो सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है।
हालांकि सभी मामलों में पुलिस ने जांच शुरू की है, लेकिन समाज की स्थिति और महिलाओं के प्रति ऐसी सोच सभ्य तो नहीं कही जा सकती।
रानीवाड़ा थाने में दर्ज प्रकरण ने जिले में बेटियों के प्रति अनचाहेपन की कहानी खोली
दो दिन पूर्व रानीवाड़ा थाना क्षेत्र में एक महिला की संदेहास्पद मामले ने जिले में बेटियों के प्रति अनचाहेपन की कहानी बयां की है। पीहर पक्ष की रिपोर्ट में कहा गया है कि मृतका के दो बेटियां थी, जिस पर उसे ताने मारे जाते थे।
तीसरी बेटी बीस दिन पहले ही पैदा हुई, ससुराल पक्ष ने मारकर कुएं में डाल दिया। मामला रानीवाड़ा थाना क्षेत्र के दहीपुर गांव का है। आजोदर गांव के नरसाराम की पुत्री रूपीदेवी का विवाह सात वर्ष दहीपुर के दिनेश के साथ हुआ था।
इस अवधि में उसके दो बेटियां हुईं तो ससुर छोगाजी, सास जीपादेवी, जेठ
कृष्ण कुमार समेत ससुराल पक्ष के लोग उसे नियमित ताने देते थे। बेटा नहीं होने के कारण उसे नियमित मानसिक तौर पर प्रताडि़त किया जा रहा था। बीस दिन पूर्व उसके एक और पुत्री का जन्म हुआ। पीहर पक्ष की रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद ससुराल पक्ष के लोगों ने साजिश रचते हुए उसकी
हत्या कर दी और शव कुएं में डाल दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाया। बीसीएमओ डॉ. बाबूलाल पुरोहित के अनुसार महिला की मौत डूबने से होना जांच में प्रमाणित हुआ है। थाना प्रभारी भूपेन्द्रसिंह शेखावत के अनुसार प्रथम सूचना रिपोर्ट और मेडिकल बोर्ड रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण की गंभीरता से जांच की जा रही है।
जागरूकता लानी होगी…सारे ही मामले गंभीर सामाजिक पहलुओं से जुड़े हैं। यदि दहेज, बेटे—बेटी का भेद और महिला प्रताडऩा जैसे विषयों पर समाज यदि सकारात्मक हो तो यह विषय कभी अपराध में नहीं बदलेंगे। पुलिस पर अपराध पर कानून के अनुसार कार्रवाई कर सकती है, लेकिन यह मामले रुक सकते हैं यदि सामाजिक स्तर पर इनमें जागरूकता लाई जाए। इसके बारे में सभी को गंभीरता से विचार करना चाहिए।
— विकास शर्मा, पुलिस अधीक्षक, जालोर