निर्माण के कुछ समय बाद ही बिखरने लगे टांके
भीनमाल. मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में बारिश के जल को सरंक्षण के लिए बन रहे भूमिगत टांकों का निर्माण में ठेकेदार नियम कायदों को ताक में रख रहे है। विभाग की उदासीनता के चलते इनके निर्माण में ठकेदार अपनी मनमर्जी से ही निर्माण सामग्री डाल रहे है। ऐसे में हजारों रुपए खर्च कर बने यह टांके निर्माण के कुछ ही दिनों में बिखरने लगे है। इतना कुछ होने के बाद भी विभाग ठेकेदार को महज एक नोटिस थमाकर कार्रवाई के नाम इतिश्री कर दी है। सरकार के लाखों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे है। कावतरा ग्राम पंचायत में योजना के तहत बने भूमिगत टांके बिखर गए है। लोगों का कहना है कि एक टांके के निर्माण पर करीब 1.25 लाख रुपए व्यय हो रहे है, लेकिन टांको के निर्माण में महज 30-40 हजार रुपए की खर्च हो रहे है। ऐसे में प्रत्येक टांके के निर्माण पर हजारों रुपए का बजट खर्च हो रहा है। गौरतलब है कि कावतरा गांव विधायक पूराराम चौधरी का पैतृक गांव है। यह है टांके के निर्माण का जी-शैड््यल मुख्यमंत्री जल स्वालंबन योजना के तहत टांके के निर्माण के लिए किसानों को 1.20 लाख रुपए सरकार की ओर से अनुदान के तौर पर दिया जा रहा है। इसके अलावा एससी, एसटी व बीपीएल वर्ग के परिवारों से 5 प्रतिशत व ओबीसी व सामान्य श्रेणी के परिवारों से 10 प्रतिशत राशि अतिरिक्त ली जाती है। इन टांकों का निर्माण 14 फीट गहरा, 11.25 फीट चौड़ा निर्माण होना है। इसके अलावा टांके के चारों तरफ 4 एमएम की 34 फीट आगोर बनाई जाती है। एक-दो एमएम बनाई आगोर कावतरा गांव में जल स्वावलंबन के तहत टांकों के आगोर निर्र्माण में 4 एमएम की बजाए एक एमएम तक ही निर्माण करवाया है। ऐसे में आगोर 10 से 15 दिन बाद में ही बिखर गई है। ग्रामीण मुकनसिंह, मेघसिंह, सुजानसिंह, एवन कंवर, केशरसिंह, जूठाराम, जवाहरसिंह, राजाराम, जोगसिंह, करनाराम, लाखसिंह, गणेशाराम व पारूदेवी ने बताया कि उनके यहां भी ठेकेदार की ओर से बनाए गए टांके बिखरने लगे हैं। ठेकेदार को नोटिस दिया है… कावतरा गांव में टांके के निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग की शिकायत मिली है। आगोर भी टूट गई है। इस संबंध में ठेकेदार को नोटिस दिया है। ठेकेदार का पेयमेंट भी रोक दिया है। – दलपतराम, अभियांत्रिकी विशेषज्ञ, एमजेएसवाई-भीनमाल