हास्य कके सहज रूप को करें अंगीकार
समाजसेवी भंवर लाल ने जीवन में हास्य को सहज रूप से अंगीकार करने की बात कही। सेवानिवृत्त कोषाधिकारी ईश्वर लाल शर्मा ने महाराज भृतहरि के जीवन पर चर्चा करते हुए बताया कि मनुष्य में रूपान्तरण की संभावनाएं सदा विद्यमान रहती है। उन्होंने वरिष्ठ जनों से पीढिय़ों के अन्तर को समझ कर तालमेल बैठाने का सुझाव दिया।
समाजसेवी भंवर लाल ने जीवन में हास्य को सहज रूप से अंगीकार करने की बात कही। सेवानिवृत्त कोषाधिकारी ईश्वर लाल शर्मा ने महाराज भृतहरि के जीवन पर चर्चा करते हुए बताया कि मनुष्य में रूपान्तरण की संभावनाएं सदा विद्यमान रहती है। उन्होंने वरिष्ठ जनों से पीढिय़ों के अन्तर को समझ कर तालमेल बैठाने का सुझाव दिया।
सहज हास्य हमारी मूल प्रकृति
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उद्योगपति मदन राज बोहरा ने बताया की हास्य व विनोद दोनों साथ रहते हैं। इसलिए जीवन में हास्य के लिए विनोदी स्वभाव का होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि सहज हास्य हमारी मूल प्रकृति है, लेकिन कुंठा, विषाद, और अहंकार के कारण हम हास्य से दूर होते जा रहे हैं। कार्यक्रम में अम्बा लाल माली, सेवानिवृत्त कोषाधिकारी कालाराम प्रजापत, लक्ष्मी नारायण दवे, वेदपाल मदान, देवेंद्र नाग, आबाद अली सहित जालोर के वरिष्ठ व प्रबुद्ध जनों ने सहभागिता निभाई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उद्योगपति मदन राज बोहरा ने बताया की हास्य व विनोद दोनों साथ रहते हैं। इसलिए जीवन में हास्य के लिए विनोदी स्वभाव का होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि सहज हास्य हमारी मूल प्रकृति है, लेकिन कुंठा, विषाद, और अहंकार के कारण हम हास्य से दूर होते जा रहे हैं। कार्यक्रम में अम्बा लाल माली, सेवानिवृत्त कोषाधिकारी कालाराम प्रजापत, लक्ष्मी नारायण दवे, वेदपाल मदान, देवेंद्र नाग, आबाद अली सहित जालोर के वरिष्ठ व प्रबुद्ध जनों ने सहभागिता निभाई।