आगे दवा की दुकान, पीछे चल रहे अवैध क्लीनिक
जालोरPublished: Apr 19, 2019 11:45:04 am
दवा दुकान का लाईसेंस भी किसी और के नाम से
आगे दवा की दुकान, पीछे चल रहे अवैध क्लीनिक
बडग़ांव. कस्बे में चल रही दवाओं की दुकान की आड़ में आधा दर्जन से अधिक अवैध क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। जहां झोलाछाप बेहतर इलाज के नाम पर ना केवल ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि चांदी भी काट रहे हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन अवैध क्लीनिक संचालकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। विभागीय अधिकारियों ने महज एक-दो बार कार्रवाई कर खानापूर्ति जरूर की, लेकिन ठोस कार्रवाई के अभाव में कुछ दिन बाद ही स्थिति जस की तस हो गई। कस्बेवासियों ने भी इस बारे में कई बार मांग उठाई, लेकिन अधिकारियों की शह के चलते कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा है। जिससे इनके हौसले दिनों दिन बुलंद होते जा रहे हैं। कस्बे में दो से तीन झोलाछाप ने अन्य व्यक्ति का लाइसेंस किराए पर लेकर आगे दवा की दुकान खोल रखी है। वहीं दुकान के पीछे क्लीनिक खोल रखा है। जहां प्रतिबंधित दवाएं व ड्रिप चढ़ाने समेत मरीजों का उपचार भी किया जा रहा है।
होर्डिंग लगाकर खुलेआम कर रहे प्रचार
क्षेत्र में लोगों की जान का खतरा बन रहे झोलाछाप को प्रशासनिक कार्रवाई का कोई डर तक नहीं है। इन क्लीनिक के आगे साधारण बुखार से लेकर मलेरिया, टाइफाइड, पीलिया, पेट दर्द, खांसी, श्वास, दमा, सिर दर्द, स्त्री रोग, शिशु रोग, चर्म रोग व गुप्त रोगों के इलाज के लिए खुलेआम हाइवे पर होर्डिंग लगाकर प्रचार किया जा रहा है। इसके अलावा इन दुकानों में होम्योपैथिक डिग्री वाले चिकित्सक एलोपैथिक इलाज भी कर रहे हैं।
प्रसव भी करवा रहे…
कस्बे में अवैध रूप से चल रहे क्लीनिक पर बैठे झोलाछाप मरीजों का इलाज तो करते ही हैं, साथ ही साथ यहां महिलाओं के प्रसव भी करवाए जा रहे हैं। जिससे महिला व शिशु दोनों की जान को हर समय खतरा बना रहता है। गौरतलब है कि कस्बे के मण्डार रोड पर स्थित एक अवैध क्लीनिक पर करीब साल भर पहले एक महिला के प्रसव के बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। इसके बाद झोलाछाप ने गंभीर हालात में महिला को गुजरात रेफर कर दिया, लेकिन अस्पताल जाते समय महिला ने बीच रास्ते में दम तोड़ दिया था।
उच्चधिकारियों को बताएंगे
कस्बे में चल रहे अवैध क्लीनिक के खिलाफ कार्यावाही को लेकर उच्चधिकारीयों को अवगत करवाकर शीघ्र ही कार्यवाही की जाएगी।
– डॉ. कांतिलाल चौधरी, चिकित्सा अधिकारी, बडग़ांव पीएचसी