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नेहड़ में गांवों के रास्ते बंद

locationजालोरPublished: Aug 11, 2015 11:23:00 pm

नेहड़ क्षेत्र के कई गांवों
में अब भी बाढ़ का दर्द कायम है। क्षेत्र के कई गांवों के रास्ते बंद है। ऎसे में
ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ से क्षतिग्रस्त
सड़कों की मरम्मत नहीं हुई है

Jalore photo

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हाड़ेचा। नेहड़ क्षेत्र के कई गांवों में अब भी बाढ़ का दर्द कायम है। क्षेत्र के कई गांवों के रास्ते बंद है। ऎसे में ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत नहीं हुई है।


ऎसे में कई मार्गो की बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते ट्रॉलों व जीपों में सवार होकर लोगों को आवागमन करना पड़ रहा है। ऎसे में छोटे वाहन संचालकों की ओर से मनमाना किराया वसूल किया जा रहा है। वहीं क्षमता से अधिक सवारियां बैठाकर परिवहन से हादसे की भी आशंका रहती है। क्षेत्र के सूथड़ी से खेजडियाली सड़क पर लूनी नदी का पानी कई फीट भरा हुआ है। ऎसे में यहां बसों का संचालन बंद है।

जिसके चलते खेजडियाली, साकरिया, उमरकोट, चामुण्डानगर, भलाइयों की ढाणी, कोलियों की ढाणी खेजडियाली, कुकडिया, आकोडिया के ग्रामीणों को आवागमन के साथ राशन सामग्री लाने-ले जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर, सूथड़ी से सूराचंद सड़क मार्ग पर पानी होने से वेडिया सहित सांचौर से बाड़मेर जिले को जोड़ने वाले गांवों का रास्ता बंद है। वहीं दूठवा रपट पर पानी की आवक कम हो गई है, लेकिन उसके बावजूद पीडब्ल्यूडी की ओर से रपट को ठीक नहीं करवाया गया है। ऎसे में दूठवा, टांपी सहित अन्य गांवो का रास्ता अवरूद्ध है।

विद्यार्थियों को परेशानी
क्षेत्र के खेजडियाली, साकरिया, सूराचंद, केसूरी, वरणवा व सूथड़ी के राजकीय व निजी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को पानी में से निकलकर विद्यालय जाने पड़ रहा है। ऎसे में पानी में से निकलने के दौरान कई बार अभिभावकों भी चिंता सताती रही है। वहीं कई विद्यार्थी विद्यालय भी नहीं आ रहे हैं।

बढ़ा मच्छरों का प्रकोप
लूनी नदी के बहाव क्षेत्र नेहड़ में पानी का भराव होने से मच्छर पनपने लगे हैं। मच्छर अधिक फैलन से ग्रामीणों को अब मलेरिया व अन्य मौसमी बीमारियों का डर सताने लगा है।

समस्याओं का अम्बार
नेहड़ के कई गांवों में समस्याओं का अम्बार है। क्षेत्र के कई गांवों के रास्ते बंद है। मच्छरों के प्रकोप से लोग परेशान है। डीडीटी का छिड़काव करने पर मच्छरों के काटने की समस्या कम हो सकती है।
-तालब खान, साकरिया

पानी का भराव ज्यादा है
नेहड़ के कई गांवों का दौरा किया था। नेहड़ के अधिकतर गांवों का रास्ता बंद है। नेहड़ मच्छरों के प्रकोप को देखते उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया है। वहीं पानी का वेग कम होने तक रास्तों को बहाल करना मुश्किल है।
-रामसिंह राव, तहसीलदार, चितलवाना

राहत सामग्री वितरण कर रहे हैं
नेहड़ के अधिकतर रास्ते बंद है, लेकिन गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। ग्रामीणों की समस्या को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।हरफूलसिंह चौधरी, विकास अधिकारी, चितलवाना
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