जालोर

जालोर के भाल पर ‘तिलक की तरह दमकेंगी सूरज, लाल और बड़ी पोल

– इतिहास की साक्षी मानी जाती है ये चारों पोल, कायाकल्प की लंबे समय से उठ रही थी मांग

जालोरSep 22, 2018 / 10:16 am

Khushal Singh Bati

– इतिहास की साक्षी मानी जाती है ये चारों पोल, कायाकल्प की लंबे समय से उठ रही थी मांग

जालोर. आक्रांताओं के हमले में जालोर की सुरक्षा के लिए प्रहरी के रूप में तैनात रही जालोर दुर्ग की चार पोलों का अब जीर्णोद्धार होगा। इसके लिए सरकार की ओर से बजट मिला है। करीब 9 लाख रुपए इस कार्य पर खर्च होंगे। इस बजट का उपयोग जालोर शहर की सूरजपोल, तिलक द्वार, लाल पोल और बड़ी पोल समेत तिलक द्वार के बाहर स्थिति छतरी के रिनोवेशन और मरम्मत कार्य में किया जाएगा। यह पहला मौका है जब इस कार्य के लिए सरकारी स्तर से बजट का आवंटन हुआ है। ये चारों पोल परकोटे के भीतर स्थित जालोर शहर के चार छोर पर स्थित है। इन पालों के भीतर काफी आबादी रहती है। पिछले करीब एक दशक से इन पालों की मरम्मत और रंगरोगन के लिए मांग उठती रही, लेकिन आखिरकार अब इस मांग पर अमल हुआ है।
एकरुपता से विशेष पहचान मिलेगी
अभी मामला टेंडर प्रोसेस में चल रहा है, लेकिन इसके बाद ही रिनोवेशन और मरम्मत का काम भी शुरू हो जाएगा। पूर्व में इन पोलो की मरम्मत के लिए यह भी मांग उठती रही है कि इन सभी पोलों के रंगरोगन में एकरुपता दिखाई दे। सूत्रों की मानें तो पोलों की मरम्मत के साथ आकर्षक रंगरोगन इन पोलों के साथ साथ जालोर की विशेष पहचान होगी।
बजट मिला है
जालोर की ऐतिहासिक पोलों के रिनोवेशन और मरम्मत के लिए बजट आया है। टेंडर प्रोसेस पूरा होने के बाद वर्कऑर्डर होंगे। जिसके बाद ये पोलें नए रूप में नजर आएंगी।
शांतिलाल सुथार, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी, जालोर
 

गबन प्रकरण को लेकर पुनर्भरण की मांग
चितलवाना. राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील की बैठक शुक्रवार को संघ के ब्लॉक अध्यक्ष बाबूलाल गोदारा की अध्यक्षता में हुई। ब्लॉक अध्यक्ष ने शिक्षक समस्याओं पर मंथन करते हुए शिक्षकों को एकजुट होकर मांगों के लिए संघर्ष का आह्वान किया। संयुक्त कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष पूनमाराम विश्नोई व सरंक्षक ईशराराम विश्नोई ने शिक्षकों के गबन प्रकरण में कमेटी की ओर से जांच कर गबन राशि के पुनर्भरण की मांग की। भागीरथ गोदारा ने शिक्षकों के रामसीन में शैक्षिक सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा की। इस मौके पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ भादू, मंत्री मोहनलाल जाणी, धीमाराम खिलेरी, हरलाल डारा, पेमाराम सारण, नारणाराम गोदारा व राकेश गोदारा सहित कई शिक्षक मौजूद थे।

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