बिगड़ गया अस्पताल का ढर्रा
सियाणा अस्पताल से तीन नर्सिंगकर्मी लम्बे समय से प्रतिनियुक्ति पर थे। प्रतिनियुक्ति आदेश निरस्त होने के बाद एक ने वापस ज्वाइन कर लिया, लेकिन दो अब भी प्रतिनियुक्ति पर ही है। दोनों ही नर्सिंगकर्मी जालोर जिला मुख्यालय पर संचालित अस्पतालों में कार्यरत हैं। लम्बे समय से प्रतिनियुक्ति पर चल रहे नर्सिंगकर्मियों के कारण सियाणा अस्पताल का ढर्रा बिगड़ गया है। व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है तथा मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा।
जमे हुए हैं इसलिए नहीं हो रहे रिलीव
सियाणा अस्पताल के मेलनर्स प्रथम हुकमाराम मातृ एवं शिशु कल्याण केंद्र (एमसीएच) में तथा मेल नर्स द्वितीय विक्रमकुमार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सेवाएं दे रहे हैं। वे इन स्थानों पर इस कदर जमे हुए हैं कि यहां से वापस लौटने के आदेश जारी होने पर भी रिलीव नहीं हो रहे। उधर, सियाणा अस्पताल में नर्सिंगकर्मियों की कमी और आसपास के कई गांवों के मरीज आने से हर समय आपाधापी का माहौल बना हुआ है।
इनके ही आदेश और इनकी ही देखरेख
यह भी दिलचस्प ही है कि सीएमएचओ व उनके अधीन अरबन डीपीएम का काम देखने वाले अधिकारी ही शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की देखभाल करते हैं, लेकिन इन आदेशों कही पालना नहीं करवाई जा रही। गत २५ जून को जारी हुए आदेशों के बावजूद नर्सिंगकर्मी बदस्तूर शहरी अस्पताल में ही प्रतिनियुक्ति पर है। कमोबेश यहीं स्थिति एमसीएच में कार्यरत नर्सिंगकर्मी की है। यह संस्थान पीएमओ के अधीन है, लेकिन हर समय अधिकारियों की नजर में रहता ही है।
आदेश जारी किए थे…
नर्सिंगकर्मियों को मूल जगह जाने के आदेश जारी किए थे, लेकिन कार्य व्यवस्था के कारण कुछ दिन यहीं रहने की बात कही है। जल्द ही रिलीव कर देंगे।
– बीएल बिश्नोई, सीएमएचओ, जालोर