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एक ही ई-वे बिल से दोबारा दे रहे थे लाखों के पान मसाले की डिलीवरी, सेंट्रल जीएसटी टीम ने पकड़ा

locationजालोरPublished: Aug 31, 2018 11:51:41 am

16.64 लाख के पान मसाले पर 16 लाख का टैक्स और पैनल्टी वसूलेगा विभाग, अधिकारियों ने सीज किया कंटेनर

Central GST team Jalore

Pan Masala of 16 Lacs, caught by Central GST team in Jalore

जालोर. जिला मुख्यालय पर सैंट्रल जीएसटी विभाग की टीम ने बुधवार दोपहर करीब 1 बजे भागली टोल प्लाजा पर पान मसाले और तम्बाकू से भरा कंटेनर जब्त कर लाखों की पैनल्टी लगाई है। वहीं कंटेनर को सीज कर कब्जे में लिया है। सूत्रों के अनुसार सोनीपत (हरियाणा) से एक कम्पनी का पान मसाला और तम्बाकू से भरा कंटेनर एक ही ई-वे बिल पर दूसरी बार जिले के रानीवाड़ा में डिलीवर किया जाना था। विभागीय अधिकारियों को मुखबीर से सूचना मिलने पर टीम ने चालक से दस्तावेज मांगे और छानबीन की तो पता चला कि एक ही ई-वे बिल के जरिए उतना ही माल सोनीपत से दूसरी बार रानीवाड़ा के लिए सप्लाई किया जा रहा था। अगर यह कंटेनर इस बार भी नहीं पकड़ा जाता तो इसी बिल के आधार पर तीसरी बार भी माल की डिलीवरी हो सकती थी। वहीं कंटेनर में 16 लाख 64 हजार का पान मसाला और तम्बाकू भरा हुआ था। इस पर अधिकारियों ने कंटेनर को सीज कर 16 लाख का टैक्स और पैनल्टी लगाई है।
सीसीटीवी फुटेज से पकड़ा
सैंट्रल जीएसटी की टीम की ओर से कंटेनर से एक ही ई-वे बिल के जरिए दूसरी बार पान मसाला और तम्बाकू सप्लाई करने की जानकारी मिलने पर भागली टोल प्लाजा पर सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। इस पर पता चला कि यह कंटेनर 24 अगस्त को दोपहर 1 बजे हरियाणा से रवाना हुआ था और गत २५ अगस्त को इसी टोल प्लाजा से रानीवाड़ा के लिए गुजरा था और उसी रात साढ़े नौ बजे फिर से यहां से हरियाणा के लिए निकल गया। इसके बाद 27 अगस्त को फिर से यह कंटेनर हरियाणा से रवाना होकर 29 अगस्त को दोबारा भागली टोल प्लाजा पहुंचा। इस तरह एक ही ई-वे बिल पर दो बार लाखों के पान मसाले और तम्बाकू की डिलीवरी दी जा रही थी, जिसे विभागीय टीम ने पहले ही पकड़ लिया।
9 दिन की थी वैद्यता
हरियाणा का सोनीपत जालोर से करीब 835 किमी दूर है। ऐसे में ई-वे बिल के नियमों के तहत प्रति 100 किमी के लिए एक दिन की वैद्यता दी जाती है। इस तरह 24 अगस्त को जनरेट हुए इस पान मसाले और तम्बाकू के ई-वे बिल की वैद्यता भी 835 किमी के हिसाब से 10 दिन की यानी 2 सितम्बर तक थी। जबकि सप्लायर यह माल 32 से 33 घंटे में पहुंचा रहा था। इस तरह दूसरी बार यह कंटेनर नहीं पकड़ा जाता तो सप्लायर तीसरी बार भी माल की डिलीवरी कर सकता था।
ज्यादा टैक्स, इसलिए चोरी
सूत्रों के अनुसार तम्बाकू उत्पादों पर अन्य के मुकाबले काफी ज्यादा टैक्स और सेस लगता है। इसलिए व्यापारी बड़े स्तर पर इसकी चोरी करते हैं। पान मसाले पर 28 प्रतिशत टैक्स और 60 प्रतिशत सेस है, जबकि बीड़ी-सिगरेट और तम्बाकू उत्पादों पर 88 प्रतिशत टैक्स और 100 प्रतिशत सेस है। ऐसे में इस कंटेनर में भरे माल के ई-वे बिल पर एक बार में 21 लाख रुपए का टैक्स बना। यही कंटेनर तीन बार इसी बिल पर सप्लाई होता तो सरकार को 42 लाख के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ता।
जालोर में 1 अप्रैल से खुला कार्यालय
जिला मुख्यालय पर सैंट्रल जीएसटी डिपार्टमेंट का कार्यालय पिछली १ अप्रैल से खोला गया है। इससे पहले इससे संबंधित सारे कामकाज पाली से ऑपरेट होते थे। जालोर की टीम की पांच महीने की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।
यह है ई-वे बिल
ई-वे बिल सिस्टम एक तरह का ऑनलाइन बिल सिस्टम है। इसमें 50 हजार से ज्यादा का माल चाहे वह उसी राज्य में या किसी दूसरे राज्य में भेजा जा रहा हो। इसके लिए ऑनलाइन बिल जनरेट किया जाता है। इसके बाद यह जीएसटी पोर्टल पर दर्ज होता है। इसमें माल से संबंधित पूरी डीटेल के अलावा सप्लायर, प्राप्तकर्ता, और ट्रांसपोर्टर की जानकारी दर्ज होती है।
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