scriptदूसरे दिन रेस्क्यू कर पैंथर को पकड़ा | panther caught in Sarwana sanchore area | Patrika News

दूसरे दिन रेस्क्यू कर पैंथर को पकड़ा

locationजालोरPublished: Mar 27, 2021 09:44:29 am

सरवाना थाना क्षेत्र के धींगपुरा सरहद में गुरूवार को पैंथर दिखने पर जोधपुर से पहुंची वन विभाग की रेस्क्यू टीम के शूटर ने काफी मशक्कत के बाद बबूल की झाडिय़ों को दूर कर पैंथर को इंजेक्शन से बेहोश किया। करीब शाम छह बजे पैंथर को रेस्क्यू कर पिंजरे में डाला गया।

दूसरे दिन रेस्क्यू कर पैंथर को पकड़ा

रेस्क्यू टीम ने पैंथर को बेहोश कर डाला पिंजरे में

हाड़ेचा. सरवाना थाना क्षेत्र के धींगपुरा सरहद में गुरूवार को पैंथर दिखने की सूचना पर जोधपुर से पहुंची वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने पद चिह्नों के आधार पर पैंथर का सर्च ऑपरेशन शुरू किया। रेस्क्यू टीम पद चिह्नों के आधार पर शुक्रवार को सरवाना थाना क्षेत्र के रिडक़ा गांव से दो किलोमीटर आगे स्थित बांध के आस पास पहुंची। बांंध के नीचे डाले गए पाइप तक पैंथर के पद चिह्न मिलने पर टीम को आस पास ही पैंथर के होने की आशंका लगी। पाइप के चारों ओर बबूल की कंटीली झाडिय़ां होने से टीम को रेस्क्यू में परेशानी हो रही है। काफी मशक्कत के बाद टीम के शूटर ने बबूल की झाडिय़ों को दूर कर पैंथर को इंजेक्शन से बेहोश किया। करीब शाम छह बजे पैंथर को रेस्क्यू कर पिंजरे में डाला गया। वहीं घायल पैंथर को यहां से रानीवाड़ा ले जाया जाएगा। बाद में जोधपुर वन विभाग को सुपुर्द कया जाएगा। जोधपुर से पहुंची वन विभाग की रेस्क्यू टीम में शूटर बंशीलाल, डॉ. ज्ञानप्रकाश, रेंजर श्रीराम विश्नोई, वनपाल किशोरसिंह, सहायक वनपाल जवाराराम, तेजाराम व वनरक्षक ओमप्रकाश बिश्नोई शामिल थे।
इस बार पैंथर ने ग्रामीणों पर नहीं किया हमला
गौरतलब है कि कुछ माह पहले सरवाना थाना क्षेत्र में घुसे पैंथर ने चार लेगों को हमला का घायल कर दिया था, इस बार पैंथर ने एक भी ग्रामीण को चोट नहीं पहुंचाई। समय रहते वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने पैंथर को पकड़ लिया, अन्यथा पैंथर ग्रामीणों पर हमला कर सकता था।
इनका कहना….
वन विभाग की रेस्क्यू टीम को रिडक़ा गांव से दो किलोमीटर आगे बांध के नीचे पाइप में पैंथर के पद चिह्न मिले थे। बबूल की झाडिय़ों की वजह से परेशानी हुई, लेकिन दोपहर 2 बजे से चार घण्टे तक इसी पाइप के ईद गिर्द रेस्क्यू किया। पैंथर को शाम छह बजे के करीब रेस्क्यू कर पकड़ लिया।
– श्रीराम विश्नोई, रेंजर, वन विभाग रानीवाड़ा
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