scriptजालोर में दो साल में चौथी जगह पकड़ी अफीम की खेती | Police caught opium cultivation in Vadabhawji Jaswantpura Jalore | Patrika News

जालोर में दो साल में चौथी जगह पकड़ी अफीम की खेती

locationजालोरPublished: Apr 01, 2020 10:55:23 am

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अफीम के 7700 पौधे सहित एक गिरफ्तार

अफीम के 7700 पौधे सहित एक गिरफ्तार

जालोर/जसवंतपुरा. जसवंतपुरा पुलिस ने वाड़ाभवजी सरहद स्थित एक खेत में की गई अफीम की खेती का खुलासा किया है। खास बात यह है कि जिले में अफीम की खेती का दो साल में यह चौथा मामला है। जिसमें मंगलवार को पुलिस ने करीब 7700 डोडायुक्त अफीम के पौधे बरामद किए हैं। अफीम की खेती के लिए यहां के किसान ने इस बार अरण्डी की फसल के बीच में क्यारियां बनाकर अफीम के पौधों की खेती की थी। इसके लिए किसान ने पहले अरण्डी की फसल तैयार की और इसके कुछ समय बाद अरण्डी के पौधों के तीन से चार फीट तक बढ़ जाने के बाद इनके बीच में जगह-जगह क्यारियां बनाकर अफीम की खेती की। पुलिस को इसकी भनक तब लगी, जब इन पौधों पर डोडा भी उग आए थे। ऐसे में पुलिस ने इन डोडायुक्त सभी पौधों को जब्त कर किसान को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार हिम्मत अभिलाष टॉक के निर्देशन व आरपीएस डीएसपी रानीवाड़ा रतनलाल के सुपरविजन में अवैध मादक पदार्थ की धरपकड़ अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। मुखबीर की सूचना पर जसवंतपुरा थानाप्रभारी साबिर मोहम्मद मय जाब्ता मंगलवार को सरहद वाड़ाभवजी निवासी रामाराम पुत्र ऊनाराम कड़बी के खेत पर पहुंचे। जहां अवैध रूप से अफीम के 7700 डोडायुक्त पौधे बरामद किए गए। इस पर पुलिस ने रामाराम को गिरफ्तार कर एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। इस दौरान टीम में भागीरथ, आसाराम, सुरेशकुमार, अशोक जानी, बीरबल राम, प्रकाश, हरिकिशनसिंह, वरिंगराम, बुधाराम व इंदुमका साथ थे।
यह था जिले का पहला व दूसरा मामला…
पुलिस ने जिले में पहली बार 13 मार्च 2019 को बागरा थानांतर्गत देवाड़ा गांव में आकोली निवासी एक किसान के खेत पर अफीम की खेती पकड़ी थी। इस दौरान जालोर, सायला व बागरा थाना प्रभारियों समेत 100 पुलिसकर्मियों के जाब्ते ने करीब 40 हजार पौधे व करीब 150 किलोग्राम गीले व सूखेे डोडे बरामद किए थे। कार्रवाई के दौरान किसान ने भनक लगनेे पर फसल को नष्ट करने करनेे का प्रयास भी किया था। पुलिस के मुताबिक करीब 5 बीघा जमीन में खेती की गई थी और पकी हुई फसल की कीमत करीब 4 करोड़ आंकी गई थी। इसी दिन शाम को रामसीन पुलिस ने घासेड़ी और कोटकास्ता में भी दो खेतों से डोडा के पौधे जब्त किए गए थे।
यह था तीसरा मामला…
इसी तरह मार्च 2020 में सांचौर थाना क्षेत्र के काजा का गोलिया में गेहूं की फसल के बीच उगाए गए अफीम के करीब 3017 पौधे पुलिस ने बरामद किए थे। इस दौरान भी पुलिस ने पूरी पड़ताल के बाद भारी जाब्ते के सहयोग से खेत पर दबिश दी और हरे पौधों को जब्त किया।
सरकारी रोक का असर…
गौरतलब है कि डोडा और अफीम के कारोबार पर सरकारी रोक है और करीब 2 साल पूर्व डोडा की ठेका प्रणाली भी बंद की जा चुकी है। सरकारी स्तर पर वर्तमान में राजस्थान में मुख्य रूप से चितौड़, कोटा, बारा, झालावाड़ में आरी (पट्टे) जारी है। यहां से डोडा से दूध निकालने के बाद सूखे डोडे को नष्ट करने का प्रावधान है। वहीं अफीम का दूध सरकार अपने कब्जे में ले लेती है और उसके बाद परमिट अनुसार मेडिकल और परमिट धारी कंपनियों को जारी करती है। वहीं डोडा के चूरे या पाउडर और अफीम की बिना परमिट के खेती पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
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