फिर सभापति व आयुक्त के बीच तनातनी, आयुक्त पर जड़े भ्रष्टाचार के आरोप
जालोरPublished: Dec 13, 2018 11:08:43 am
निरीक्षण के दौरान सभापति ने नगरपरिषद आयुक्त व एईएन की गैरमौजूदगी पर रजिस्टर में लाल पेन से की मार्किंग
फिर सभापति व आयुक्त के बीच तनातनी, आयुक्त पर जड़े भ्रष्टाचार के आरोप
जालोर. नगरपरिषद सभापति ने बुधवार सवेरे करीब साढ़े ग्यारह बजे पार्षदों के साथ नगरपरिषद के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया। इस दौरान कार्यालय में आयुक्त शिकेश कांकरिया व एईएन महेश राजपुरोहित की गैर हाजिरी को लेकर उन्होंने संस्थापन शाखा के लिपिक से उपस्थिति रजिस्टर मंगवाया और अवकाश प्रार्थना पत्रों के बारे में पूछा। वहीं आयुक्त कांकरिया और एईएन राजपुरोहित की गैर मौजूदगी को लेकर उनके कॉलम में लाल पेन से मार्किंग कर दी। इस दौरान सभापति और पार्षदों ने आयुक्त के चेंबर के बाहर बैठकर आयुक्त को भ्रष्ट बताते हुए नारेबाजी भी की। साथ ही शिकेश कांकरिया हाय-हाय के नारे लगाए। यहां से करीब डेढ़ बजे सभापति व पार्षद कलक्ट्रेट पहुंचे और नगरपरिषद में नियम विरुद्ध एकल हस्ताक्षर लीज डीड रजिस्ट्रेशन रोकने की मांग की।
पार्षदों ने भी किया प्रदर्शन
निरीक्षण और प्रदर्शन के दौरान सभापति माली के साथ पार्षद अम्बालाल व्यास, ओमप्रकाश माली, जितेंद्र प्रजापत, फूलाराम प्रजापत, प्रेमाराम व भरत भादरू मौजूद थे। यहां आयुक्त के खिलाफ प्रदर्शन के बाद ये सभी सभापति के साथ कलक्ट्रेट पहुंचे। जहां आयुक्त के खिलाफ ज्ञापन देकर नियम विरुद्ध एकल हस्ताक्षर लीज डीड के रजिस्ट्रेशन रोकने की मांग की। जिस पर कलक्टर ने कार्यवाही का भरोसा दिलाया। इसके कुछ देर बाद नेता प्रतिपक्ष मिश्रीमल गहलोत और मंजू सोलंकी समेत अन्य पाषर्द भी वहां पहुंचे।
सरकारी भूमि पर कब्जे करवा रहे आयुक्त
निरीक्षण के बाद सभापति माली ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि शहरवासियों और पार्षदों से मौखिक शिकायत मिली थी कि आयुक्त भू-माफियाओं के साथ मिलकर सरकारी भूमि पर कब्जे करवा रहे हैं। वहीं नियमन की पत्रावलियां जमा कर नियम विरुद्ध राशि भी जमा करवा रहे हैं। जिसके चलते सभापति ने बुधवार को नगरपरिषद कार्यालय का निरीक्षण किया। जहां आयुक्त हाजिर नहीं थे। जिस पर उनके चेंबर के साने बैठकर विरोध प्रदर्शन किया।
यह लिखा ज्ञापन में
सभापति ने कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया कि डीएलबी ने महज प्रशासन शहरों के संग शिविरों में ही एकल हस्ताक्षर लीज डीड जारी करने के आदेश प्रभावी किए थे, लेकिन आयुक्त कांकरिया अभी भी इन आदेशों का दुरुपयोग कर भू-माफियाओं और चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए लीज डीड पट्टे रजिस्ट्रेशन के लिए पंजीयन कार्यालय भेज रहे हैं। जबकि पालिका एक्ट के तहत लीज डीड पट्टे जारी करने से पहले प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति बोर्ड या बोर्ड के अध्यक्ष/सभापति से लेनी जरूरी है। इसके बावजूद आयुक्त मनमाने तरीके से नगरपरिषद सभापति/बोर्ड अध्यक्ष के अधिकारों का हनन कर नियम विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। वहीं आयुक्त इन नियम विरुद्ध कार्यों में पंजीयन कार्यालय के कार्मिकों को भी भागीदार बना रहे हैं जो न्यायसंगत नहीं है। ऐसे में सभापति ने ज्ञापन के जरिए संबंधित अधिकारी व कर्मचारी को पाबंद कर उचित कार्रवाई की मांग की।
वृद्ध बोला-पांच दिन से काट रहा हूं चक्कर
सभापति के निरीक्षण के दौरान शहर स्थित रामदेव कॉलोनी निवासी एक वृद्ध फरियाद लेकर पहुंचा। उसका कहना था कि पैर में चोट के बावजूद पिछले पांच दिन से वह नगरपरिषद के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसे हर बार कल आने की बात कही जा रही है। ऐसे में उसका काम भी अटका हुआ है।
एकल हस्ताक्षर कर जारी कर रहे पट्टे
नगरपरिषद में आयुक्त एकल हस्ताक्षर कर पट्टे जारी कर रहे हैं। पिछले तीन-चार माह से आमजन की शिकायतें आ रही हैं कि आयुक्त समय पर कार्यालय में नहीं मिलते। वहीं घर पर नियम विरुद्ध कार्य करते हैं। बुधवार सुबह 11 से दोपहर डेढ़ बजे तक निरीक्षण के दौरान आयुक्त व एईएन वहां नहीं थे। इस पर रजिस्टर में उनकी अनुपस्थिति लगाई है। वहीं कलक्टर को इस बारे में ज्ञापन भी दिया है।
– भंवरलाल माली, सभापति, नगरपरिषद जालोर
आरोप निराधार, साबित करें…
मुझ पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं। इसमें एक प्रतिशत भी सच्चाई है तो सभापति साबित करके दिखाएं। वैसे निरीक्षण की मुझे कोई जानकारी नहीं है। वे सभापति हैं कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन रजिस्टर में अनुपस्थिति लगाना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। मंगलवार तक मैं चुनावी ड्यूटी पर था। इसकी बकायदा कलक्ट्रेट से उपस्थिति आ जाएगी। वहीं बुधवार को माताजी का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण कलक्टर से अवकाश स्वीकृत कर घर गया था।
– शिकेश कांकरिया, आयुक्त, नगरपरिषद जालोर