ऐसे हैं जालोर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के हालात
जालोरPublished: Jun 02, 2019 08:14:05 pm
गंदगी से अटे शौचालय, छत से उखड़ रहा प्लास्टर, मरीजों ने कहा-अस्पताल प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
ऐसे हैं जालोर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के हालात
जालोर. जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को अस्पताल की बदहाली के कारण परेशानी झेलनी पड़ रही है। जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीज गंदगी से अटे पड़े शौचालयों से फैल रही दुर्गंध से परेशान हो रहे हैं। वहीं बीते पंद्रह दिन से शौचालयों की साफ-सफाई तक नहीं होने के कारण मरीजों को निवृत्त होने में दिक्कत हो रही है। उनका कहना है कि इस बारे में कई बार कर्मचारियों व अस्पताल प्रशासन को अवगत करवाया गया, लेकिन समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा वार्ड की छत से प्लास्टर पर जगह-जगह से उखड़कर गिर रहा है। जिससे हादसे का भी अंदेशा बना हुआ है।
तेज गर्मी, कूलर नाकाफी
जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीजों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से गर्मी काफी बढ़ गई है। ऐसे में पंखे भी गर्म हवा दे रहे हैं। वार्ड बड़ा होने के बावजूद यहां सिर्फ दो कूलर ही लगे हैं जो बेड के अनुपात में नाकाफी हैं। दोपहर के समय तो कूलर-पंखे भी जवाब दे रहे हैं। जिससे मरीजों की हालत और बिगड़ रही है।
रात में अंधेरा, झूल रही ट्यूबलाइट की चौक
जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में शौचालय की बदहाली इस कदर है कि रात के समय मरीजों का यहां तक पहुंचना काफी मुश्किल भरा होता है। एक ओर शौचालय की छत से प्लास्टर उखड़कर गिर रहा है तो दूसरी ओर शौचालय में लगी ट्यूबलाइट की चौक झूल रही है। वहीं इस पर ट्यूबलाइट नहीं लगी होने से रात के समय अंधेरा रहता है। जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है।
इनका कहना…
पैर में चोट लगने के कारण महीने भर से अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती हूं। बीते पंद्रह दिन से वार्ड के शौचालय की साफ सफाई तक नहीं हो रही है। जिससे शौचालय गंदगी से अटे पड़े हैं। ऐसे में निवृत होने में परेशानी हो रही है। वहीं तेज गर्मी के बावजूद वार्ड में सिर्फ दो कूलर ही लगे हैं और पंखे भी गर्म हवा दे रहे हैं। जिससे दोपहर में गर्मी के कारण हालत काफी खस्ता हो जाती है।
– गोविंदसिंह, मरीज
जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में उपचार के लिए तीन दिन से भर्ती हूं। शौचालय गंदगी से अटे होने के कारण बदबू मार रहे हैं। जिससे निवृत्त होने के अलावा वार्ड में रहना भी मुश्किल हो रहा है। समस्या के बारे में बताने पर सफाई कर्मचारी भी तू-तड़ाक से बात करते हैं। ऐसे में उपचार की बजाय उल्टे हालत खराब हो रही है। जिला अस्पताल में इस तरह की अव्यवस्थाओं के बावजूद यहां के अधिकारी भी इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
– मिश्रीमल, मरीज
शौचालय की नियमित सफाई नहीं होने से परेशानी हो रही है। वहीं वार्ड की छत से जगह-जगह प्लास्टर भी उखड़कर गिर रहा है। जिससे हादसे की आशंका बनी हुई है। इसके अलावा शौचालय में लगी ट्यूबलाइट की चौक भी लटक रही है। जिस पर ट्यूबलाइट नहीं लगी होने के कारण रात में अंधेरे की वजह से जाने में परेशानी हो रही है। समस्या के बारे में बताने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
– रावताराम, मरीज