बालवाहिनी में उपयोग हो रहे है निजी वाहन
जालोरPublished: Feb 18, 2020 10:42:11 am
परमिट के बाद नियमों की अनदेखी, 112 बालवाहिनी के है परमिट
परमिट के बाद नियमों की अनदेखी, 112 बालवाहिनी के है परमिट
भीनमाल. सर्वोच्च न्यायलय के निर्देश पर वर्ष 1998 में शुरू बालवाहिनी योजना के नियमों की पालना 21 साल बाद भी केवल कागजों में हो रही है। हकीकत में तो बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है। बाल वाहिनी के संचालन के लिए नियम कायदे ताक पर रखकर मासूमों की जान जोखिम में डाली जा रही है। विभाग व पुलिस की सुस्ती के कारण इन बालवाहिनी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इतना ही नहीं विद्यालय संचालक निजी वाहनों का भी उपयोग बालवाहिनी के रूप में कर रहे है। लेकिन उनकों पूछने वाला को नहीं है। हैरानी की बात तो यह है कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान भी सड़कों पर दौड़ रहे स्कूली बच्चों से ठसाठस कारें टेंपों व वैन न तो परिवहन विभाग को न ही पुलिस को नजर आते है। ऐसे में बिना सुरक्षा के मासूमों की जान जोखिम में है।
परमिट तो है, लेकिन नियमों की परवाह नहीं
शहर में संचालित स्कूलों में बच्चों को घर से स्कूल लाने और छोडऩ़े के लिए चौपहिया वाहन चालकों को बाल वाहिनी परमिट लेना होता है। स्कूल संचालकों व वाहन चालकों ने विभाग से परमिट तो ले रखे हैं, लेकिन नियमों की परवाह नहीं कर रहे। इससे बच्चों की जान को खतरा बना रहता है।
बालवाहिनी में प्राइवेट वाहनों का भी उपयोग
परिवहन विभाग की ओर से बालवाहिनी के लिए नियम बने हुए है। नियमों के अनुसार टैक्सी परमिट वाहन का ही बालवाहिनी के रूप में उपयोग हो सकता है। लेकिन यहां तो कई विद्यालय प्राइवेट वाहनों को बालवाहिनी के रूप में उपयोग ले रहे है। बच्चों को लाने और ले जाने में सर्वाधिक वैन, ऑटो व बसों का उपयोग होता है। वैन व ऑटो चालक लालच के चलते उसमें क्षमता से अधिक बच्चों को बैठा लेते है।
यह है नियम
बालवाहिनी वाहन पीले रंग का होना चाहिए। वाहन चालक की निर्धारित ड्रेस होनी चाहिए। वाहनों में घरेलू गैस का उपयोग नहीं होना चाहिए। वाहन पर स्कूल का नाम, टेलीफोन नंबर, चालक का नाम अंकित होना चाहिए। बालवाहिनी में फस्र्ट एड बॉक्स होना चाहिए। वाहनों में बच्चों की संचया निर्धारित होनी चाहिए।
नहीं हो सकता प्राइवेट वाहन का उपयोग
शहर में 112 बालवाहिनी के परमिट जारी हो रखे है। प्राइवेट वाहन का उपयोग बालवाहिनी के रूप में नहीं कर सकते है। नियमों की पालना के लिए विद्यालय संचालकों व वाहन चालकों को पाबंद किया जाएगा।
कैलाश शर्मा, परिवहन निरीक्षक, भीनमाल