जालोर

सुंदेलाव को स्वच्छ रखने के लिए किए थे 25 लाख खर्च, ऐसे हो रहा उपयोग

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जालोरAug 08, 2019 / 10:58 am

Dharmendra Kumar Ramawat

Public toilet and community hall near Sundelav pond

जालोर. शहर की ऐतिहासिक धरोहर कहे जाने वाले सुंदेलाव तालाब को आज भी स्वच्छता की दरकार है।तालाब के आस पास रहने वाले लोग आज भी इसमें गंदगी फैला रहे हैं। यहां गंदगी ना फैले इसके लिए नगरपरिषद ने तालाब की पाल पर लाखों रुपए खर्च कर लोहे की जालियां भी लगवाई, लेकिन लोगों ने इन्हें भी जगह-जगह से तोड़ डाला। इसके बाद शौचालय की जरूरत को देखते हुए यहां नगरपरिषद ने करीब 25 लाख रुपए खर्च कर सार्वजनिक शौचालय एवं स्नानाघर का निर्माण भी करवाया। पूरे तामझाम के साथ 4 मई 2017 इस सार्वजनिक शौचालय एवं स्नानाघर का शिलान्यास भी किया गया था। इस शौचालय पर लगी शिला पट्टिका पर पूर्व विधायक अमृता मेघवाल और नगरपरिषद सभापति भंवरलाल माली का भी नाम लिखा हुआ है, लेकिन मौजूदा समय में यह शौचालय किसी के काम नहीं आ रहा है।महिला और पुरुष दोनों शौचालय के मुख्य द्वार पर ताले जड़े हैं और पास ही बने टांके भी सूखे पड़े हैं। जिससे जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं।
काम नहीं आ रही लाखों की राशि
नगरपरिषद की ओर से सुंदेलाव तालाब की पाल पर लाखों रुपए खर्चकर बनाए गए शौचालय और सामुदायिक भवन की कोई सुध तक नहीं ली जा रही है। ऐसे में जनता के उपयोग के लिए बनाए गए इन भवनों पर लाखों रुपए खर्च तो किए गए, लेकिन इसे किसी के भी काम नहीं आ रहे हैं।
लाखों से बना सामुदायिक भवन भी नकारा
सुंदेलाव तालाब की पाल पर नवनिर्मित इस सुलभ शौचालय से थोड़ी ही दूरी पर वार्डवासियों के लिए लाखों की लागत से सालों पहले सामुदायिक भवन भी बनाया गया था। जिसका लोकार्पण विधायक जोगेश्वर गर्ग के हाथों वर्ष 2010 में किया गया था, लेकिन लम्बे समय से यह भी उपेक्षा का शिकार है। इस भवन पर करीब डेढ़ साल पहले यहां से गुजर रही बिजली लाइन का पोल गिर गया था जो आज भी उसी स्थिति में है। वहीं भवन के अंदर और आस पास गंदगी के ढेर लगे हैं। रात के समय यहां शराबियों का अड्डा भी लगा रहता है। जिसके कारण यहां बोतलें और कांच बिखरे पड़े हैं। ऐसे में यह भवन भी किसी के कोई काम नहीं आ रहा है।
दीवारों पर लिखे हैं नारे, वाहनों से संदेश
स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच मुक्त को लेकर नगरपरिषद की ओर से हर रोज घर-घर कचरा संग्रहण वाहनों के जरिए लाउड स्पीकर से संदेश दिया जा रहा है। वहीं सुंदेलाव तालाब की पाल पर भी जगह-जगह स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 से संबंधित नारे लिखे गए हैं। मगर इस सार्वजनिक शौचालय को शुरू करने को लेकर अधिकारी कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। जिसके कारण लोग तालाब व इसके आस पास गंदगी फैला रहे हैं।
इनका कहना…
सुंदेलाव तालाब के आस पास रहने वाले लोगों को खुले में शौच से रोकने के लिए वहां करीब २५ लाख की लागत से सार्वजनिक सुलभ शौचालय एवं स्नानाघर बनवाया गया था। लोकार्पण तो नहीं हुआ, पर जरूरत को देखते हुए इसे शुरू कर दिया था। अब ताले लगे हैं तो अधिकारियों और कार्मिकों की उपेक्षा है। इस बारे में आयुक्त को निर्देशित किया जाएगा। वहीं बंद पड़े सामुदायिक भवन की स्थिति भी सुधारी जाएगी।
– भंवरलाल माली, सभापति
सुंदेलाव तालाब की पाल पर वार्डवासियों के उपयोग के लिए नगर निकाय की ओर से काफी सालों पहले सामुदायिक भवन का निर्माण करवाया गया था। इस सामुदायिक सभाभवन का लोकार्पण मेरे ही कार्यकाल में किया गया था। अगर इस भवन पर बिजली का पोल गिरा हुआ है और इसकी देखरेख नहीं की जा रही है तो इस बारे में पता कर नगरपरिषद के अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा।
– जोगेश्वर गर्ग, विधायक, जालोर
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