जनता की आवाज बनी पत्रिका, सरकार तक पहुंची मांग तो मिली आरओबी की सौगात
– मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जालोर-जोधपुर मार्ग पर आरओबी के लिए घोषणा की, पत्रिका ने समय समय पर आरओबी की जरुरत और जनप्रतिनिधियों की ढिलाई और जनता की मांग को प्रमुखता से प्रकाशित किया।
– मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जालोर-जोधपुर मार्ग पर आरओबी के लिए घोषणा की, पत्रिका ने समय समय पर आरओबी की जरुरत और जनप्रतिनिधियों की ढिलाई और जनता की मांग को प्रमुखता से प्रकाशित किया।
जालोर. पिछले 10 वर्ष से जालोर-जोधपुर मार्ग जिलेवासियों के लिए मुसीबत बनी सी-48 रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी की घोषणा पर शहर ही नहीं जिलेभर में खुशी का माहौल है। एक तरफ अब जिलेवासी जल्द से जल्द इस काम के शुरू होने की कामना कर रहे है। दूसरी तरफ राजस्थान पत्रिका की ओर से समय समय पर प्रमुखता से इस समस्या के प्रति प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों का ध्यानाकर्षण करने के साथ साथ इस समस्या को प्रमुखता से उठाने पर आमजन ने भी पत्रिका की मुहिम को सराहा। वर्तमान हालात में ये रेलवे क्रॉसिंग बड़ी मुसीबत बनी हुई है। कारण यह क्रॉसिंग हर 30 मिनट में एक बार जरुर बंद होती है और उसके बाद 20 से 25 मिनट तक बंद भी रहती है। जिसके कारण वाहन चालकों को खासी दिक्कत होती है। वहीं इमरजेंसी हालातों में तो यह क्रॉसिंग जानलेवा भी साबित हो जाती है।
हर बार 150 मीटर तक कतारें
यह क्रॉसिंग वर्तमान में एक बार बंद होने पर रेलवे क्रॉसिंग के दोनों तरफ 100 से 150 मीटर तक लंबी कतारें लग जाती है। यह तस्वीर जालोर के रेलवे क्रॉसिंग सी-48 पर पिछले 10 सालों से देखने को मिल रही थी। इस क्रॉसिंग से गुजरने वाले वाहन चालक घर से रवाना होने से पहले यही कामना करते हैं कि क्रॉसिंग बंद नहीं मिले, क्योंकि एक बार क्रॉसिंग बंद होने पर आधे घंटे तक लाइन में लगना होता है।
जनता की आवाज को पत्रिका ने बुलंद किया
ब्रॉडगेज का काम पूरा होने के बाद टे्रनों की आवाजाही शुरू हुई तो जालोर-जोधपुर मार्ग पर रेलवे ओवरब्रिज की जरुरत महसूस हुई। जनता को इन हालातों में समस्या का सामना करना पड़ा तो जनता की आवाज को राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया। वहीं मामले में विभागीय, प्रशासनिक, राजनीतिक स्तर पर किए जा रहे प्रयासों के साथ साथ ढिलाई के बारे में भी सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए गए। पत्रिका ने जनता की आवाज को एक मुहिम का रूप दिया, जनता की इस आवाज को जालोर प्रवास पर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गंभीरता से सुना और अब अब इस पर हरी झंडी दी है।
1.50 लाख से अधिक गुड्स टे्रन गुजर चुकी अब तक
जालोर के सी-48 पर आरओबी की जरुरत को इस तरह से समझा जा सकता है कि वर्ष 2009 में इस ट्रेक पर ब्रॉडगेज का काम पूरा होने के बाद सबसे पहले गुड्स टे्रनों का संचालन ही शुरू हुआ। 28 दिसंबर 2009 को पहली बार गुड्स ट्रेन रवाना हुई। उस समय गुड्स टे्रनों की संख्या 24 घंटे में बमुश्किल 10 ही थी। जिससे ज्यादा दिक्कत नहीं थी। एक साल तक केवल गुड्स टे्रन ही इस टे्रक प र चली और उसके बाद 14 अक्टूबर 2010 में इस ट्रेक पर यात्री गाडिय़ों का संचालन भी शुरू हुआ। इधर, एक ही साल में 24 घंटे में गुड्स टे्रनों की संख्या में दो गुना तक इजाफा हो गया। इधर, क्रॉसिंग बार बाद बंद होने लगी तो सबसे महत्वपूर्ण और व्यस्त सी-48 पर आरओबी की जरुरत महसूस की जाने लगी। जिस पर आरओबी के लिए मांग भी उठी। सालदर साल यहां गुड्स टे्रनों की संख्या में इजाफा होता रहा, जिससे दिक्कतें बढ़ी और वर्ष 2012 के अंत तक तो हालात काफी विकट हो गए। उसके बाद 2013 में इस मांग के अनुरूप टीवीयू हुआ और 2015 के रेल बजट में आरओबी के लिए घोषणा भी हुई, लेकिन यह मामला अटकता चला गया। वर्तमान में 24 घंटे में 45 के लगभग गुड्स टे्रनें यहां से गुजरती है। ऐसे में बार बार क्रॉसिंग बंद हो जाती है। जिसका नतीजा क्रॉसिंग पर वाहनों की लंबी कतार के रूपमें देखने को मिलता है। पिछले दस की साल की बात करें तो लगभग 1 लाख 50 हजार से अधिक गुड्स टे्रनों का संचालन इस रूट से हो चुका है।
पत्रिका ने प्रकाशित किए समाचार
राजस्थान पत्रिका में वर्ष 2009 में ब्रॉडगेज का काम पूरा होने के बाद से ही इस समस्या पर समाचार प्रकाशित किए गए। पत्रिका ने 18 दिसंबर 2016 को कतार से मुक्ति को आरओबी का बढ़ता इंतजार, अब केंद्र से आशा, 20 जून 2018 को एनएचएआई ने जालोर के आरओबी से हाथ खींचे, मामला अटका अब सरकार पर नजर, 21 जून 2018 को 13 घंटे रोजाना बंद रहती है क्रॉसिंग 2 लाख वाहन प्रभावित समाचार प्रकाशित किए। इसके बाद हाल ही में पत्रिका ने 17 जून 2019 को 10 साल से अटके ओवरब्रिज को फिर नई सरकार से जगी उम्मीद शीर्षक से समाचार प्रकाशित किए, जिसमें आरओबी पर सकारात्मक संकेत को लेकर समाचार प्रकाशित कर अवगत करवाया कि जल्द ही इस मामले में जालोर वासियों को सुखद समाचार मिल सकता है। जिसके बाद 29 जुलाई को सीएम अशोक गहलोत ने इस आरओबी के लिए हरी झंडी दी है।
राहत भरी खबर
ब्रॉडगेज होने के बाद भी जिलेवासियों को राहत के नाम पर कुछ नहीं मिला था। इसके विपरीत यह क्रॉसिंग एक अड़चन बनी हुई है। आरओबी की सख्त जरुरत थी।
– महेंद्र ठाकुर, व्यापारी
पिछले पांच सालों से यहां आरओबी के बारे में सुनते आए हैं, अब इस पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की है तो इस पर अमल भी जल्द से जल्द होना चाहिए ताकि जिलेवासियों को समस्या से निजात मिल सके।
– डॉ. वल्लभ भंडारी
अक्सर क्रॉसिंग बंद होने पर जोधपुर से जालोर आने वाले और जाने वाले लोगों को दिक्कत होती है। वाहनों की कतारें भी लग जाती है। आरओबी बनने पर समस्या का समाधान होगा।
– तुलसी कंवर, गृहिणी
यह शहरवासियों के लिए बड़ी समस्या थी। अब इस पर एक अच्छी पहल हुई है। पत्रिका ने भी समस्या को समय समय पर प्रमुखता से उठाया, इसके लिए आभार।
– डॉ. आरके बजाज
आरओबी के लिए घोषणा के साथ अब यह भी जरुरी है कि कम से कम समय में इसका निर्माण हो जाए। क्योंकि इसके निर्माण में ही तीन साल का समय लग जाएगा।
– ममता देवी, गृहिणी
शहर वासियों के लिए इससे बड़ी कोई और खुशी नहीं हो सकती। घोषणा सुखद है, लेकिन इस क्रॉसिंग पर जल्द से जल्द ओवरब्रिज का निर्माण भी होना जरुरी है।
– फिरोज खान, ऑटो चालक
जालोर आने वाले और जालोर से जोधपुर की तरफ आने वाले वाहन चालकों के लिए यह रेलवे क्रॉसिंग मुसीबत से कम नहीं है। यहां ओवरब्रिज की सख्त जरुरत है। घोषणा जिलेवासियों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
– गोपाल शर्मा, शहरवासी
जालोर के लिए फिलहाल यह रेलवे क्रॉसिंग सबसे बड़ी समस्या है। रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज नहीं होने से यहां से गुजरने वाले लोग बार बार परेशानी का सामना करते थे। भविष्य में आरओबी का निर्माण होने से राहत मिलेगी।
– मालाराम, व्यापारी
ब्रॉडगेज होने के बाद से ही जालोर में रेलवे ओवरब्रिज की जरुरत महसूस की जा रही थी, लेकिन मांग पर अमल नहीं हो रहा था। अब मांग पर अमल हुआ है, जो स्वागत योग्य है।
– शैतानसिंह, व्यापारी
जालोर से जोधपुर की तरफ जाने वाले वाहन चालकों के लिए यह रेलवे क्रॉसिंग मुसीबत का सबब बनी हुई थी। यहां पर ओवरब्रिज की घोषणा जिलेवासियों के लिए बड़ी सौगात है।
– अर्जुनसिंह एम एलाना, प्रवासी
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