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जालोर

भूख हड़ताल पर बैठे सांचौर विधायक की तबीयत बिगड़ी, आश्वासन पर अनशन तोड़ा

देर शाम को मांगें मानने का आश्वासन देकर अनशन तुड़वाया…लोगों ने नर्मदा चीफ का पुतला फूंका

जालोरAug 21, 2018 / 10:43 am

Dharmendra Kumar Ramawat

भूख हड़ताल पर बैठे सांचौर विधायक की तबीयत बिगड़ी, आश्वासन पर अनशन तोड़ा

सांचौर. नर्मदा नहर की वितरिकाओं में पानी छोडऩे सहित अन्य मांगों को लेकर पिछले तीन दिन से भूख हड़ताल पर बैठे विधायक सुखराम बिश्नोई व अन्य 12 जनों की तबीयत बिगड़ी। शाम को मुख्य अभियंता गिरीश लोढ़ा ने धरना स्थल पर आकर लिखित में आश्वासन दिया तथा जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।
विधायक ने नर्मदा नहर की वितरिकाओं व मुख्य कैनाल सहित अन्य जगह किए गए कार्यों की गुणवत्ता की जांच करने की मांग की। साथ ही बाढ़ से टूटे नर्मदा सिस्टम को ठीक करने के विभाग की ओर से किए गए करोड़ों रुपए के टेंडर के बाद हुए कार्यों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नर्मदा प्रशासन ने वितरिकाओं के निर्माण में महज कागजी खानापूर्ति की है। जिसकी वजह से नहरें टूट रही हैं। उन्होंने नर्मदा लिफ्ट कैनाल के मामले की भी जांच करने व दोषी अधिकारियों के खिलाफ अविलम्ब कार्रवाई की मांग की। विधायक ने कहा कि क्षेत्र में बारिश नहीं होने से फसलें जल रही है। वहीं पशुओं का चारा भी महंगा हो गया है। ऐसे में पशुओं के चारे के लिए नहर में 600से 700 क्यूसेक पानी छोडऩे, विभागीय अधिकारियों की ओर से वर्तमान में छोड़े जा रहे पानी को लेकर लगातार जलस्तर बना रहे व उसका लिखित में आश्वासन देने की मांग की। वहीं उन्होंने नर्मदा प्रशासन पर जनता की समस्याओं को अनसुना करने का आरोप लगाया।
पूर्व प्रधान डॉ. शमशेर अली ने कहा कि नर्मदा नहर क्षेत्र की जीवनदायिनी है, लेकिन अधिकारियों की उपेक्षा की वजह से यहां के किसानों को इसका पूरा फायदा नहीं मिल रहा है। उन्होंने दोषी अधिकारियों को तुरन्त हटाने की मांग की। नगरपलिका नेता प्रतिपक्ष बीरबल बिश्नोई ने कहा कि विधायक की मांगों के समर्थन में क्षेत्र की जनता सड़कों पर आने को तैयार है। उन्होंने कहा कि यह समस्या विधायक की नहीं, बल्कि जनता की समस्या है। विधायक जनता की सेवा के लिये भूख हड़ताल पर बैठे हैं। अगर प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देगा तो अधिकारियों को जवाब देना होगा। इस दौरान धरना स्थल पर काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
विधायक सहित 12 की तबीयत बिगड़ी
भूख हड़ताल के दौरान सोमवार को विधायक बिश्नोई सहित 12 लोगों के स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की गई। चिकित्सकों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाने की सलाह दी। विधायक ने भर्ती होने से स्पष्ट इन्कार किया।
जमकर भड़ास निकाली
नर्मदा मुख्यालय के समक्ष धरने में भाग लेने आए किसानों ने विभाग के उदासीन रवैये को लेकर सोमवार को नर्मदा विभाग के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। लोगों ने नर्मदा चीफ अभियन्ता का पुतला फूंककर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने नर्मदा प्रशासन हाय-हाय के नारे लगाए। किसानों ने बताया कि विधायक की मांगों को विभाग जानबूझकर टाल रहा है, जो गलत है। जिसे किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। प्रशासन की हठधर्मिता की बदौलत स्थिति बिगडऩे की आंशका जताते हुए लोगों ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
ये बैठे भूख हड़ताल पर
धरने में 68 जने रविवार को भूख हड़ताल पर बैठे है। वहीं सोमवार को ३१ लोग और इसमें शामिल हुए। इस तरह भूख हड़ताल पर बैठने वालों की कुल संख्या 99 हो गई। जिसमें नवरतनमल विष्णुनगर, गंगाराम सांगड़वा, भागीरथराम सांगड़वा, दिनेशकुमार सांगड़वा, देराम पंवार सांगड़वा, रूगनाथराम सांगड़वा, किशनाराम गिरधरधोरा, शैतानाराम खासरवी, बंशीलाल ठाकराराम लोल बावरला, भूराराम बिछावाड़ी व मालाराम साऊ रणोदर समेत अन्य शामिल रहे।
यह दिया आश्वासन
नर्मदा परियोजना के मुख्य अभियंता ने देर शाम धरना स्थल पर पहुंचकर लिखित में चालीस दिन तक पीने का पानी लगातार देने, वितरिकाओं की जांच के लिए कमेटी गठित करने के आश्वासन दिए हैं।
जांच होनी चाहिए…
नर्मदा अधिकारी जानबूझकर मामले को तूल दे रहे हैं। नर्मदा में अगर ५०० क्यूसेक से ज्यादा पानी आ रहा है तो धरना स्थल पर आकर अधिकारी लिखित में क्यों नहीं देते। नर्मद की मरम्मत को लेकर हुए करोड़ों के कार्य की जांच होनी चाहिए। सांचौर लिफ्ट कैनाल की मरम्मत का कार्य भी ठेकदार व अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है। जिसकी मैने पूर्व में कई बार शिकायत की है।
– सुखराम बिश्नोई, विधायक, सांचौर

नर्मदा के सहारे राजनीति चमकाने का आरोप
सांचौर. सांसद देवजी पटेल ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाते हुए बताया कि नर्मदा नहर की आड़ में कांग्रेस राजनीति कर रही है। क्षेत्र में बारिश नहीं होने से पीने के पानी की जरूरत है। किसान भी परेशान है, लेकिन इस पानी को सिंचाई के लिए अभी उपयोग में लिया गया तो सीयाळू सीजन में पेयजल किल्लत होगी। सांचौर क्षेत्र के लिए 500 क्यूसेक पानी को पर्याप्त बताते हुए कहा कि सरदार सरोवर का जलस्तर 114.69 है, जबकि भराव क्षमता 138 है। आवश्यकता के बिना हमारे हिस्से का पानी हम ले लेंगे तो सीयाळू सीजन में किसानों के लिए पानी की भयंकर समस्या खड़ी हो जाएगी। पीने के पानी की मांग करना वाजिब है, लेकिन कोई सिंचाई के लिए इस सीजन में पानी की मांग करता है तो वह गलत है। मौजूदा समय में नर्मदा से 500 क्यूसेक पानी पीने के लिए दिया जा रहा है। जिससे सिंचाई नहीं की जा सकती। इसके लिए कोई वादा करे या झांसा दे तो उसके बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। क्योंकि सिंचाई का पानी केवल सियाळू सीजन में ही दिया जा सकता है। यह नर्मदा विभाग व सरकार का सर्कुलर है। वोट बैंक की राजनीति के लिए नर्मदा के पानी का मुद्दा बनाना जनता के साथ धोखा है।

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