हर तरफ सोते मिलेंगे लोग
अस्पताल के मुख्यद्वार पर ही लोग सोते दिखे। लेटे हुए लोग और रखे सामान के बीच से अंदर जाना ही दुश्कर साबित हो रहा था। यही स्थिति भवन के दूसरे द्वार की है। ऑपरेशन थिएटर से शिशु वार्ड की ओर जाने वाले मार्ग का गलियारा और अंदर रखे बैंच भी लोगों के सोने के ही काम आ रहे हैं। जहां-तहां बिखरे जूते-चप्पल व धूल भी संक्रमण बढ़ाने को पर्याप्त है।गंदगी के बीच पेयजल
मुख्यद्वार से अंदर घुसते ही एक तरफ गलियारा सा नजर आया। यहां पोछे व झाडू रखे हुए थे। पास ही पेयजल के लिए उपकरण। इसका नल खराब था। इस आरओ से दूसरा कनेक्शन देकर एक नल लगा रखा था। इसके नीचे गंदे पानी से भरी बाल्टी रखी मिली। लोग यहीं से पानी पीते हैं। लोग हाथ धोने से लेकर पीने तक का पानी यहीं से उपयोग करते हैं, जो बीमार होने के लिए काफी है।शिकायत है पर क्या करे
प्रसूताओं के साथ आए एक-दो परिजनों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि समस्या होने पर भी कार्मिकों को कुछ नहीं बताते। वैसे गंदगी के कारण यहां बैठना तक मुश्किल है, लेकिन क्या करे। शिकायत करने पर प्रसूता के साथ कुछ उल्टा-पुल्टा कर दिया तो हमारी दिक्कत बढ़ जाएगी। इसलिए हम किसी को कहने की स्थिति में नहीं है।फैक्ट फाइल
जिला अस्पताल के अधीन संचालित 50 बैडेड एमसीएच के लिए अलग से कार्मिक नहीं है। जिला अस्पताल में कार्यरत स्त्रीरोग एवं बाल रोग विशेषज्ञों को यहां नियुक्त कर रखा है।पाबंद किया जाएगा…
लोग अक्सर शौचालय में ही सेनेटरी पेड डाल देते हैं, जिससे गंदगी बढ़ती है। ड्यूटी पर कार्यरत कार्मिकों को इन अव्यवस्थाओं पर ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए पाबंद किया जाएगा। -डॉ. एसपी शर्मा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारीए जालोर