श्रीहरि व सुदामा के प्रसंग सुन हुए भाव विभोर
जालोरPublished: Oct 28, 2018 12:08:19 pm
कस्बे के राजेन्द्र में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा महोत्सव का हो रहा आयोजन
श्रीहरि व सुदामा के प्रसंग सुन हुए भाव विभोर
आहोर. कस्बे के राजेन्द्र नगर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा महोत्सव के छठे दिन शनिवार को कथाकार पंडित सुशीलकुमार आसोपा ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का सुन्दर संगीतमतय वाचन कर उपस्थित श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। कथा प्रवचन के दौरान भगवान श्रीकृष्ण व मित्र सुदामा के मिलन का प्रसंग सुनकर उपस्थित श्रोताओं की आंखों से आंसू झलक पड़े। महोत्सव के दौरान पूजार्चना, कथा प्रवचन समेत विविध धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर प्रभु भक्ति का लाभ उठाया। प्रवचन कार्यक्रम के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान रहा। महोत्सव में सर्वप्रथम महोत्सव आयोजक चन्द्रप्रकाश दवे समेत श्रद्धालुओं ने भगवान गणपति, श्रीमद भागवत का पूजन कर प्रवचन कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। कथा प्रवचन में कथाकार ने प्रवचन करते हुए कहा कि मनुष्य को अपने धर्म के प्रति अटूट श्रद्धा रखनी चाहिए। मनुष्य को जीवन में सदैव धर्म व सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौमाता को शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। गौमाता में देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए गौ को माता का दर्जा दिया गया है। हिन्दू धर्म में गौमाता को धर्म की धूरी कहा गया है। उन्होंने कहा कि आज गौमाता की इस धरती पर बुरी हालत है। इसलिए मनुष्यों को चाहिए कि वे गौमाता की रक्षा तथा उसे अधिकाधिक संरक्षण प्रदान करे। उन्होंने कथा प्रवचन के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, रूकमणी विवाह, सुदामा की मित्रता व मिलन समेत विभिन्न धार्मिक प्रसंगों का सुन्दर संगीतमय वर्णन कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा प्रवचन में सुरीले भक्ति गीतों पर श्रोतागण झूम उठे। कार्यक्रम के अंत में श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण किया गया। इस मौके पर महेन्द्र दवे, उम्मेदपुरकुमार दवे, श्रवण दवे, कन्हैयालाल, वर्षा दवे, संगीता दवे, जिज्ञासा दवे, मेघा दवे, पुष्पा दवे, कांता दवे, मधु दवे, अंकित दवे, मोहित दवे, विक्रम अवस्थी समेत कई जने मौजूद थे।
झांकियों ने मोहा मन
कथा प्रवचन के दौरान पंडित नरेन्द्र पारीक के निर्देशन में प्रस्तुत की गई रूकमणी विवाह, कृष्ण-सुदामा की मित्रता समेत विभिन्न मनमोहक झांकियों ने उपस्थित जनसमूह को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न देवी-देवताओं की सुन्दर झांकियां श्रोताओं के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र रही।
भजनों पर झूमे श्रोता
कथा प्रवचन के दौरान कथाकार ने अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो तुम्हारे… समेत भगवान श्री कृष्ण पर आधारित एक से बढ़कर एक सुरीले भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी। जिस पर सभी झूमने पर मजबूर हो गए।