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सोलर प्लांट बदहाल, बार-बार प्रभावित होता है काम

locationजालोरPublished: Sep 18, 2019 07:29:08 pm

Submitted by:

Khushal Singh Bati

ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से लगे सोलर प्लांट खराब, बैटरियां व प्लेट भी टूटी।

सोलर प्लांट बदहाल, बार-बार प्रभावित होता है काम

सोलर प्लांट बदहाल, बार-बार प्रभावित होता है काम

ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से लगे सोलर प्लांट खराब, बैटरियां व प्लेट भी टूटी।
भीनमाल. सरकार की ओर से ग्राम ग्राम पंचायतों को हाइटैक बनाने के लिए लाखों की लागत से लगाए सोलर प्लांट काफी समय से बदहाल है। अधिकांश ग्राम पंचायतों में यह सोलर प्लांट काम ही नहीं कर रहे हैं। सोलर सिस्टम में लगी बैटरियां सूख गई है तो कई पंचायतों में सोलर प्लांट की सूर्य ऊष्मा संग्रहण की प्लेटें भी टूटी गई है। ऐेसे में ग्राम पंचायतों में कामकाज के लिए बिजली पर निर्भरता बढ़ गई है। ऐसे में सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों को हाइटैक बनाने का सपना हकीकत से कोसों दूर है। स्थिति यह है कि बिजली गुल होते ही ग्राम पंचायतों में कामकाज भी बंद हो जाता है। ऐसे में इस सिस्टम से भी ग्रामीणों को फायदा नहीं मिल रहा है। इतना कुछ होने के बाद भी पंचायत राज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए है। बैकअप सिस्टम दुरस्त नहीं होने से राजीव सेवा केन्द्र में लगे ई-मित्र व ग्राम पंचायतों के ऑनलाइन कार्य करने में परेशानी उठानी पड़ रही है। कार्मिकों का कहना है कि सोलर प्लांट काम नहीं करने से बिजली बंद होते ही सारा कामकाज भी बंद हो जाता है। ऐसे में केन्द्र पर लगे कंप्यूटर सेट भी खराब हो रहे है। कंप्यूटर बार-बार फोरमेट करवाने पड़ रहे है। ऐसे में समय व आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। दरअसल, सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों को हाइटैक बनाने के लिए राजीव गांधी सेवा केन्द्र पर 2013-14 में सोलर प्लांट मय बैटरी सिस्टम लगाया था, लेकिन कुछ समय चलने के बाद यह प्लांट बंद हो गया है। कार्मिकों का कहना है कि इस प्लांट की मरम्मत के लिए कई बार कंपनी में शिकायत दर्ज करवाई है, लेकिन उसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
नहीं मिल रहा है कोई फायदा
सरकार की ओर से राजीव गांधी सेवा केन्द्र पर 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाने के लिए 3.25 लाख की लागत से सोलर प्लांट मय बैटरी सिस्टम लगाया था, यह सिस्टम पांच साल की गारंटी अवधि में था, लेकिन लगने के कुछ समय बाद से ही यह सिस्टम जवाब दे गए। हाल यह है कि अब तो यह सिस्टम बिल्कुल भी काम नहीं करते है। कार्मिकों का कहना है कि एक किलो वाट सौर फोटोविल्ट क्षमता वाले इस संयंत्र से पांच कंप्यूटर एवं एक प्रिण्टर के पांच घंटे चलने की क्षमता है। ऐसे में ग्रामीणों को कामकाज के लिए पंचायतों में घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। खासकर ऑनलाइन आवेदन के दौरान बिजली गुल होने पर घंटों का समय व्यर्थ गुजरता है।
कामकाज में परेशानी
ग्राम पंचायतों में सोलर प्लांट सिस्टम काम नहीं करते है। बिजली गुल होते ही ग्राम पंचायतों में कामकाज भी बंद हो जाता है। ऐसे में हर कामकाज को करवाने के लिए घंटों का समय गुजरता है। बिजली आने पर ही काम हो पाते है।
नारायणराम, ग्रामीण
जांच करवाएंगे
ग्राम पंचायतों में लगे सोलर प्लांट सिस्टम की गारंटी व वारंटी के वस्तुस्थिति की जांच करवाएंगे। सभी विकास अधिकारियों को इसकी जांच करवाने के निर्देश देंगे। कंपनी को भी पाबंद करेंगे।
अशोक कुमार सुथार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद-जालोर
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