नौखरी की तब तक बांटा ज्ञान, सेवानिवृत्ति पर वेतन से दिया एक लाख का दान
जालोरPublished: Nov 07, 2019 11:23:34 am
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teacher gave Donation of one lakh from salary on retirement
जालोर/चितलवाना. बीते मानसून में हुई बारिश के बाद स्कूल का मंजर देख काछेला उच्च माध्यमिक विद्यालय के इस शिक्षक का दिल पसीज गया और गांव के बच्चों के लिए कुछ करने की ठानी। अब इस स्कूल के बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान पर विद्यालय भवन बन रहा है जो जल्द ही शुरूकिया जाएगा।
हम बात कर रहे हैं काछेला सीनियर सैकंडरी स्कूल के शिक्षक रामकिशन लोल की।विद्यालय के ना केवल इस अकेले शिक्षक ने, बल्कि अन्य शिक्षकों ने भी विद्यार्थियों के भविष्य को सुनहरा बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है और आज भी विद्यालय विकास के लिए ग्रामीणों को प्रेरित कर रहे हैं। स्कूल से सेवानिवृत्त हुए लोल ने अगस्त 1998 से लगातार 21 साल तक शिष्यों को ज्ञान बांटा और सेवानिवृत्त होने पर जाते-जाते विद्यालय विकास के लिए एक लाख का चेक भी सौंप गए। शिक्षक लोल ने बताया कि बीते मानसून में हुईतेज बारिश के कारण विद्यालय परिसर में तीन महीने तक पानी का भराव रहा। जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई। बाद में विद्यालय प्रशासन व पंचायत के संयुक्त प्रयासों से पंचायत भूमि पर जमीन लेकर विद्यालय का निर्माण किया जा रहा है। जहां 3 कक्ष सरकार की ओर से व 2 पंचायत की ओर से बनवाए गए हैं। वहीं गांव के ही दानदाता की ओर से 2 कक्ष और बनवाए जा रहे हैं।
नए विद्यालय में लगाए 100 पौधे
नए विद्यालय भवन परिसर में शिक्षकों की ओर से करीब 100 पौधे लगाए गए हैं और इनकी देखभाल भी की जा रही है। वहीं विद्यालय के प्रति शिक्षक ने दो हजार रुपए खुद की जेब से खर्च कर इनकी सुरक्षा के लिए ट्री-गार्ड भी लगाए हैं। इस नए विद्यालय में छठी से 12वीं तक के विद्यार्थी पढ़ेंगे। वहीं पुराने विद्यालय में पांचवीं तक के बच्चों को पढ़ाया जाएगा।
बच्चों को अब भी देंगे शिक्षा
विद्यालय से सेवानिवृत्त होने के बाद शिक्षक लोल का कहना हैकि वे अब भी बच्चों को निशुल्क शिक्षा देंगे।वहीं विद्यालय के विकास के लिए निस्वार्थ भाव से सेवा में तत्पर रहेंगे।
स्कूल प्रशासन को भेंट किया चेक
विद्यालय के प्रधानाचार्य श्रवणकुमार ने बताया कि शिक्षक लोल ने बुधवार को सेवानिवृत्ति के बाद विद्यालय के विकास के लिए एक लाख रुपए का चेक अपने वेतन से भेंट किया। इस मौके सीबीईओ मंगलाराम खोखर, बीरबलराम, रामकिशन गोदारा, पूनमाराम गोदारा, मानाराम, हनुमानाराम, अमरदान, खुशालदान व भूराराम कोली सहित कई लोग मौजूद थे।