होंगे महत्वपूर्ण कार्य
पीसीसीएफ ने कहा कि वन क्षेत्र में चारदीवारी और तालाबों का निर्माण करवाया जाएगा, ताकि वन्य जीवों ओर प्रवासी पक्षियों को पानी उपलब्ध हों सकें। उन्होंने कहा कि रणखार व झाखरड़ा वन्य जीवों व प्रवासी पक्षियों को सुरक्षित क्षेत्र मुहैया करवाने के लिए वेटलैंड क्षेत्र विकसित हो सकता है।
पीसीसीएफ ने कहा कि वन क्षेत्र में चारदीवारी और तालाबों का निर्माण करवाया जाएगा, ताकि वन्य जीवों ओर प्रवासी पक्षियों को पानी उपलब्ध हों सकें। उन्होंने कहा कि रणखार व झाखरड़ा वन्य जीवों व प्रवासी पक्षियों को सुरक्षित क्षेत्र मुहैया करवाने के लिए वेटलैंड क्षेत्र विकसित हो सकता है।
अधिक संख्या में जंगली गधे
राजस्थान क्षेत्र के कच्छ के रण में पाए जाने वाले जंगली गधे आकोडिय़ा रणकार क्षेत्र में काफी संख्या में पाए जाते हैं। गुजराती जंगली गधों को अब राजस्थान का आशियाना मिल रहा है। जंगली ***** मूल रूप से लवणीय क्षेत्र में पाए जाते हैं। अब आकोडिय़ा के रणखार क्षेत्र में अपना ठिकाना बना रहे हैं। रणखार में कंजर्वेशन रिजर्व एरिया घोषित होने से कैटेगरी-प्रथम का यह जंगली गघा भी यहां संरक्षण पाएगा और सुरक्षित माहौल में प्रजनन कर सकेगा।
राजस्थान क्षेत्र के कच्छ के रण में पाए जाने वाले जंगली गधे आकोडिय़ा रणकार क्षेत्र में काफी संख्या में पाए जाते हैं। गुजराती जंगली गधों को अब राजस्थान का आशियाना मिल रहा है। जंगली ***** मूल रूप से लवणीय क्षेत्र में पाए जाते हैं। अब आकोडिय़ा के रणखार क्षेत्र में अपना ठिकाना बना रहे हैं। रणखार में कंजर्वेशन रिजर्व एरिया घोषित होने से कैटेगरी-प्रथम का यह जंगली गघा भी यहां संरक्षण पाएगा और सुरक्षित माहौल में प्रजनन कर सकेगा।
अपे्रल में घोषित हुआ रिजर्व एरिया
जालोर जिले का रणखार क्षेत्र 25 अपे्रल 2022 को कंजर्वेशन रिजर्व एरिया घोषित हुआ है। यह राज्य का 15वां कंजर्वेशन रिजर्व एरिया है। गौरतलब है कि महत्वपूर्ण पहल को लेकर राजस्थान पत्रिका ने सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए थे और इसी कड़ी में सरकार ने महत्वपूर्ण सकारात्मक पहल की।
जालोर जिले का रणखार क्षेत्र 25 अपे्रल 2022 को कंजर्वेशन रिजर्व एरिया घोषित हुआ है। यह राज्य का 15वां कंजर्वेशन रिजर्व एरिया है। गौरतलब है कि महत्वपूर्ण पहल को लेकर राजस्थान पत्रिका ने सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए थे और इसी कड़ी में सरकार ने महत्वपूर्ण सकारात्मक पहल की।
इनका कहना
यह महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहां तक प्रवासी पक्षियों में साइबेरियन सारस, फ्लेमिंगो समेत अन्य पक्षी पहुंचते हैं। इसके अलावा अन्य वन्य जीवों की भी भरमार है। इसी क्षेत्र में वैटलैंड और ग्रास लैंड विकास की भी प्रबल संभावनाएं है।
- अरिंदम तोमर, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, जयपुर
यह महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहां तक प्रवासी पक्षियों में साइबेरियन सारस, फ्लेमिंगो समेत अन्य पक्षी पहुंचते हैं। इसके अलावा अन्य वन्य जीवों की भी भरमार है। इसी क्षेत्र में वैटलैंड और ग्रास लैंड विकास की भी प्रबल संभावनाएं है।
- अरिंदम तोमर, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, जयपुर