पाली तक से पहुंची टीम, लेकिन सफलता नहीं
बीसीएमओ का कहना है कि स्थानीय स्तर पर सफलता नहीं मिलने पर हमने पाली से भी टीम बुलाई ताकि किसी तरह की सूचना आउट नहीं हो, लेकिन उसके बाद भी इसी तरह की स्थिति पूर्व में बनी और टीम को सफलता नहीं मिल पाई।
बीसीएमओ का कहना है कि स्थानीय स्तर पर सफलता नहीं मिलने पर हमने पाली से भी टीम बुलाई ताकि किसी तरह की सूचना आउट नहीं हो, लेकिन उसके बाद भी इसी तरह की स्थिति पूर्व में बनी और टीम को सफलता नहीं मिल पाई।
पत्रिका के सवाल पर ये अहम जवाब
क्षेत्र में चल रहे नीम हकीमों के अवैध क्लीनिक के मामले में राजस्थान पत्रिका में 12 मई को ‘नीम हकीमों का जाल, स्वास्थ्य के साथ कर रहे है खिलवाड़’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें बताया गया था कि क्षेत्र में अवैध क्लीनिक और अस्पतालों के नाम पर अवैध प्रेक्टिस हो रही है। गांवों में तो झोपड़ों और एक कमरे को ही अस्पताल का रूप दे दिया गया है। इन क्लीनिक में सीधे तौर पर मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है और यहां मनमर्जी के डोज मरीजों को देकर जान जोखिम में डाली जा रही है। विभाग को बार बार शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही। इस समाचार के प्रकाशन के बाद बीसीएमओ जोशी का यह बयान चौकाने वाला और विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने वाला है। क्योंकि बीसीएमओ ने अपने बयान में बकायदा कुछ स्टाफ का नाम लेकर उगाही करने का आरोप भी लगाया है।
क्षेत्र में चल रहे नीम हकीमों के अवैध क्लीनिक के मामले में राजस्थान पत्रिका में 12 मई को ‘नीम हकीमों का जाल, स्वास्थ्य के साथ कर रहे है खिलवाड़’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें बताया गया था कि क्षेत्र में अवैध क्लीनिक और अस्पतालों के नाम पर अवैध प्रेक्टिस हो रही है। गांवों में तो झोपड़ों और एक कमरे को ही अस्पताल का रूप दे दिया गया है। इन क्लीनिक में सीधे तौर पर मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है और यहां मनमर्जी के डोज मरीजों को देकर जान जोखिम में डाली जा रही है। विभाग को बार बार शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही। इस समाचार के प्रकाशन के बाद बीसीएमओ जोशी का यह बयान चौकाने वाला और विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने वाला है। क्योंकि बीसीएमओ ने अपने बयान में बकायदा कुछ स्टाफ का नाम लेकर उगाही करने का आरोप भी लगाया है।
ये बोले बीसीएमओ
‘अवैध क्लीनिक की सूचना पर दबिश देने जाते हैं, हमारे पास पुख्ता सूचना पर ही हम ऐसा करते हैं, लेकिन जब हम मौके पर पहुंचते हैं तो मौके पर न तो मरीज मिलते हैं, न ही दवाइयां...हमारे स्टाफ से ही सूचना आउट हो जाती है, जिससे ऐसी स्थिति बनती है।’
‘अवैध क्लीनिक की सूचना पर दबिश देने जाते हैं, हमारे पास पुख्ता सूचना पर ही हम ऐसा करते हैं, लेकिन जब हम मौके पर पहुंचते हैं तो मौके पर न तो मरीज मिलते हैं, न ही दवाइयां...हमारे स्टाफ से ही सूचना आउट हो जाती है, जिससे ऐसी स्थिति बनती है।’
इनका कहना
अभियान के तहत नीम हकीम और अवैध क्लीनिक पर कार्रवाई का प्रयास करते हैं, लेकिन अक्सर टीम पहुंचने से पहले ही उन्हें सूचना मिल जाती है। पूर्व में पाली से भी हमने टीम बुलाई थी।
- डॉ. वासुदेव जोशी, बीसीएमओ, रानीवाड़ा
अभियान के तहत नीम हकीम और अवैध क्लीनिक पर कार्रवाई का प्रयास करते हैं, लेकिन अक्सर टीम पहुंचने से पहले ही उन्हें सूचना मिल जाती है। पूर्व में पाली से भी हमने टीम बुलाई थी।
- डॉ. वासुदेव जोशी, बीसीएमओ, रानीवाड़ा