तब इन परिवारों को पानी ने टापू पर रोका, अब कोरोना ने किया कैद
जालोरPublished: Mar 25, 2020 11:06:18 am
– जालोर के पास जवाई नदी के बहाव क्षेत्र के बीच स्थित 19 कृषि कुओं पर बसे 500 से अधिक लोगों की दास्तान
– जालोर के पास जवाई नदी के बहाव क्षेत्र के बीच स्थित 19 कृषि कुओं पर बसे 500 से अधिक लोगों की दास्तान
जालोर. पिछले दो दिन इन परिवारों के लिए कुछ अलग और खास है। ये परिवार संस्मरणों को ताजा कर रहे हैं, जब वे इस टापू पर 2 से 3 दिन तक रुके थे और इनके खाने और पीने के लिए कुछ भी नहीं था। तब उन्हें इस टापू पर बाढ़ के हालात के बीच जवाई नदी के उफान पर होने से रुकना पड़ा था और अब कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच जारी आदेशों की पालना में ये परिवार यहां रुके हुए हैं और परिवारजनों के बीच समय गुजार रहे हैं। हम बात कर रहे हैं महेशपुरा रोड स्थित जवाई नदी के बीच स्थित टापू पर रहे परिवारों की, जो वर्तमान हालातों में एक बार फिर से इस टापू पर घिर गए है, लेकिन इस बार वे अपनी मर्जी से रुके हैं। रोचक तथ्य यह है कि जवाई नदी के बीच इस टापू पर कुल 19 कृषि कुएं है, जिन पर वर्तमान में 500 के लगभग निवास करते हैं। ये अलग खेतों में रह रहे हैं। इनका कहना है कि अब तक तो केवल बाढ़ के हालातों में उन्हें टापू पर पेड़ पर बैठकर रातें गुजारने को मजबूर होना पड़ा था, लेकिन इस बार इस कोरोना के खतरे के चलते उन्हें यहां थाम दिया है। ये परिवार अपनों के बीच निश्चिंत होकर जीवन यापन कर रहे हैं।
कब कब हुए यहां कैद
भगाराम माली का कहना है कि उनका पुस्तैनी खेत हैं और उनके पूर्वज भी यहीं रहे और अब वे स्वयं भी परिवार सहित रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि जवाई नदी में बाढ़ आने पर १९७३, १९९०, 2006, 2017 में मुख्य रूप से उन्हें परिवार के साथ यहां रुकना पड़ा। नदी में तेज बहाव के बीच पेड़ पर रात गुजारी पड़ी। उनकी पत्नी जोजू देवी का कहना था कि जब भी भारी बारिश होती है तो रास्ते बंद होने पर आवागमन बंद हो जाता है और अब इस कोरोना ने रास्ता बंद कर दिया है।
खेतों पर हथाई
नदी के बीच स्थित टापू पर किसान खाली समय पर हथाई करते नजर आए। हालांकि ये कोरोना संक्रमण को लेकर भी पूरी तरह से सजग है। किसान गोविंदराम को जब कोरोना के खतरे के बारे मेंं पूछा तो उसे इस संबंध में पूरी जानकारी थी। किसान सकाराम ने बताया कि आम दिनों में तो बाजार से संंबंधित कई काम होते हैं, लेकिन कोरोना के असर के चलते अब खेत पर ही जरुरी काम काज कर रहे हैं। टीकमराम ने कहा कि अक्सर बाढ़ के हालातो में ही यहां कृषि कुओं पर ऐसे हालात बनते हैं, जब उन्हें टापू पर ही रुकना पड़ता है। यह पहला मौका है जब बिना बाढ़ के हालात में भी बाजार तक नहीं जा रहे।
खेतों की तरफ रुख कर गए कई परिवार
जालोर शहर की भौगोलिक स्थित इस तरह की है कि शहर के बाहरी क्षेत्रों में कृषि कुएं है और इनके मालिक शहर में रहते हैं। लेकिन वर्तमान हालातों में कई परिवार शहरी क्षेत्र को छोड़कर अपने कृषि कुओं की तरफ रुख कर चुके हैं। यहां परिवार सहित खेत की मेडबंदी, बाड़ करने के काम में लगे हुए है और परिवार जनों के साथ संस्मरण भी साझा कर रहे हैं। बच्चे भी शहरी जिंदगी को छोड़कर ग्रामीण माहौल में रह रहे हैं।