इस तरह से पानी चोरी, कड़ी कार्रवाई जरुरी
मामले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिनके अनुसार किसानों ने अपने खेत के मुहाने और भीतर से गहराई से गुजर रही पाइप लाइन को खोद डाला। यह पाइप लाइन 10 इंच की है। इस पर छेद कर 2 इंच और इससे भी अधिक क्षमता की पाइप लाइन बिछाकर पानी को अपने खेत में बने कुओं में भर रहे थे। हालात यह बने कि प्रभावित डीएस ढाणी के ग्रामीणों को कुछ दिन पानी की आपूर्ति के बाद पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई। जल संकट की स्थिति में इन ग्रामीणों को टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है। दूसरी तरफ पानी चोर अवैध कनेक्शन के मार्फत एक तरफ विभाग को चूना लगा रहे हैं। दूसरी तरफ अवैध तरीके से अपने खेत के कुएं भर रहे हैं। इस मामले पर प्रकरण दर्ज करवाने के साथ साथ इन बदमाशों से भारी जुर्माना वसूला जाना अनिवार्य है। ताकि इस तरह के घटनाक्रम की पुनरावृत्ति न हो सके।
मामले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिनके अनुसार किसानों ने अपने खेत के मुहाने और भीतर से गहराई से गुजर रही पाइप लाइन को खोद डाला। यह पाइप लाइन 10 इंच की है। इस पर छेद कर 2 इंच और इससे भी अधिक क्षमता की पाइप लाइन बिछाकर पानी को अपने खेत में बने कुओं में भर रहे थे। हालात यह बने कि प्रभावित डीएस ढाणी के ग्रामीणों को कुछ दिन पानी की आपूर्ति के बाद पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई। जल संकट की स्थिति में इन ग्रामीणों को टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है। दूसरी तरफ पानी चोर अवैध कनेक्शन के मार्फत एक तरफ विभाग को चूना लगा रहे हैं। दूसरी तरफ अवैध तरीके से अपने खेत के कुएं भर रहे हैं। इस मामले पर प्रकरण दर्ज करवाने के साथ साथ इन बदमाशों से भारी जुर्माना वसूला जाना अनिवार्य है। ताकि इस तरह के घटनाक्रम की पुनरावृत्ति न हो सके।
यह थी शिकायत
बड़े स्तर पर पानी चोरी के इस मामले में 14 मई को जिला परिषद सदस्य ने कलक्टर जालोर को पत्र लिखा जिसमें बताया कि डीएस ढाणी में नर्मदा नहर से पेयजल आपूर्ति के लिए तैतरोल स्कीम से 10 इंची पाइप लाइन बिछाई गई। इस लाइन के डीएस ढाणी में प्रवेश करते ही लोगों द्वारा अवैध कनेक्शन करके कुओं को रिचार्ज किया जा रहा है। इस स्थिति में ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हो रहा। मजबूरी में टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है।
बड़े स्तर पर पानी चोरी के इस मामले में 14 मई को जिला परिषद सदस्य ने कलक्टर जालोर को पत्र लिखा जिसमें बताया कि डीएस ढाणी में नर्मदा नहर से पेयजल आपूर्ति के लिए तैतरोल स्कीम से 10 इंची पाइप लाइन बिछाई गई। इस लाइन के डीएस ढाणी में प्रवेश करते ही लोगों द्वारा अवैध कनेक्शन करके कुओं को रिचार्ज किया जा रहा है। इस स्थिति में ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हो रहा। मजबूरी में टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है।
फिर विभाग हरकत में आया
शिकायत के बाद जिला प्रशासन के मार्फत के बाद विभाग को इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई। नर्मदा विभाग के अधिकारियों ने इस शिकायत के बाद जांच शुरु की तो चौंकाने तथ्य सामने आए। केवल 4 किमी के दायरे में ही 20 से अधिक अवैध कनेक्शन पाइप लाइन पर मिले। जिसमें से 8 कनेक्शन हटाए गए हैं। अभी इस लाइन पर और भी कनेक्शन है। जिन्हें हटाने की प्रक्रिया चल रही है। दूसरी तरफ अब विभाग पानी चोरी के मामले में संबंधित आरोपियों के खिलाफ झाब थाना क्षेत्र में प्रकरण भी दर्ज करवा रहा है।
शिकायत के बाद जिला प्रशासन के मार्फत के बाद विभाग को इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई। नर्मदा विभाग के अधिकारियों ने इस शिकायत के बाद जांच शुरु की तो चौंकाने तथ्य सामने आए। केवल 4 किमी के दायरे में ही 20 से अधिक अवैध कनेक्शन पाइप लाइन पर मिले। जिसमें से 8 कनेक्शन हटाए गए हैं। अभी इस लाइन पर और भी कनेक्शन है। जिन्हें हटाने की प्रक्रिया चल रही है। दूसरी तरफ अब विभाग पानी चोरी के मामले में संबंधित आरोपियों के खिलाफ झाब थाना क्षेत्र में प्रकरण भी दर्ज करवा रहा है।
जालोर विधायक भी कह चुके होती है पानी चोरी
जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने भी नर्मदा मुख्य पाइप लाइन से पानी की चोरी बात कई बार सार्वजनिक तौर पर कही है। यही नहीं प्रेशर वॉल्व के अहाते से बड़े स्तर पर पानी चोरी की स्थिति पर उन्होंने प्रेशर वॉल्व को बंद करने के लिए भी निर्देशित किया था। केवल चार किमी के दायरे में 20 से अधिक अवैध कनेक्शन मिलने पर यह मसला गंभीर हो जाता है और गंभीरता से जहां पर भी इस तरह की शिकायत है। उनकी जांच जरुरी हो जाती है और प्रकरण दर्ज करने के साथ पेनल्टी वसूली जानी चाहिए।
जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने भी नर्मदा मुख्य पाइप लाइन से पानी की चोरी बात कई बार सार्वजनिक तौर पर कही है। यही नहीं प्रेशर वॉल्व के अहाते से बड़े स्तर पर पानी चोरी की स्थिति पर उन्होंने प्रेशर वॉल्व को बंद करने के लिए भी निर्देशित किया था। केवल चार किमी के दायरे में 20 से अधिक अवैध कनेक्शन मिलने पर यह मसला गंभीर हो जाता है और गंभीरता से जहां पर भी इस तरह की शिकायत है। उनकी जांच जरुरी हो जाती है और प्रकरण दर्ज करने के साथ पेनल्टी वसूली जानी चाहिए।
पहले ही इस दंश को झेल रहे हम
नर्मदा मुख्य केनाल से जुड़ा एक अहम परेशानी का विषय केनाल से पानी चोरी का है। पाइप लाइन पर हजारों की संख्या में पाइप लाइन लगाकर पानी चोरी किया जा रहा है। इस संबंध में विभाग को कई बार शिकायतें भी प्राप्त होती है, लेकिन प्रशासनिक और पुलिस की सहायता के बिना कार्रवाई संभव नहीं हो पा रही है। गौरतलब है। मुख्य केनाल में पानी की चोरी से नहर में पानी का लेवल घट जाता है और उसके बाद सीधा असर एफआर प्रोजेक्ट की पंपिंग पर पड़ता है और जालोर शहर समेत प्रोजेक्ट से जुड़े अन्य गांव कस्बों में आपूर्ति बंद हो जाती है।
नर्मदा मुख्य केनाल से जुड़ा एक अहम परेशानी का विषय केनाल से पानी चोरी का है। पाइप लाइन पर हजारों की संख्या में पाइप लाइन लगाकर पानी चोरी किया जा रहा है। इस संबंध में विभाग को कई बार शिकायतें भी प्राप्त होती है, लेकिन प्रशासनिक और पुलिस की सहायता के बिना कार्रवाई संभव नहीं हो पा रही है। गौरतलब है। मुख्य केनाल में पानी की चोरी से नहर में पानी का लेवल घट जाता है और उसके बाद सीधा असर एफआर प्रोजेक्ट की पंपिंग पर पड़ता है और जालोर शहर समेत प्रोजेक्ट से जुड़े अन्य गांव कस्बों में आपूर्ति बंद हो जाती है।
इनका कहना
मुख्य पाइप लाइन से चोरी की शिकायत मिलने के बाद जांच की गई थी। करीब 20 अवैध कनेक्शन चिह्नित किए हैं और कुछ हटाने के साथ अब झाब थाने में प्रकरण दर्ज करवाया जा रहा है।
– केएल कांत, एसई, नर्मदा नहर पेयजल
मुख्य पाइप लाइन से चोरी की शिकायत मिलने के बाद जांच की गई थी। करीब 20 अवैध कनेक्शन चिह्नित किए हैं और कुछ हटाने के साथ अब झाब थाने में प्रकरण दर्ज करवाया जा रहा है।
– केएल कांत, एसई, नर्मदा नहर पेयजल